रांची:झारखंड राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति सह राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ राजभवन में सोमवार को समीक्षा बैठक की. इस दौरान राज्यपाल सह कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालयों को विजन, मिशन के साथ एक लक्ष्य निर्धारित कर कार्य करना चाहिए. समीक्षा बैठक के दौरान राज्यपाल सह कुलाधिपति ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय सिर्फ डिग्री प्रदान करने वाली संस्था बनकर नहीं रह जाए, इसका ख्याल रखें. इससे हमारी युवा पीढ़ी को कुछ भी हासिल होनेवाला नहीं है.
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विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य की चिंता करने की जरूरतः राज्यपाल सह कुलाधिपति सीपी राधकॄष्णन ने कहा कि विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए सोचना होगा. विद्यार्थियों को पढ़ाई के बाद कैसे रोजगार मिले, इस दिशा में कार्य करना होगा. विश्वविद्यालयों के पास सही कार्ययोजना होनी चाहिए. हमें वक्त की मांग को समझना ही होगा. राज्यपाल सह कुलाधिपति सोमवार को राजभवन में राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपति और कुलसचिव के साथ विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक व प्रशासनिक गतिविधियों को लेकर विस्तृत समीक्षा कर रहे थे. इस दौरान राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी, राज्यपाल के शैक्षणिक सलाहकार प्रो ई बालागुरुस्वामी और राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति और कुलसचिव उपस्थित थे.
रोजगारपरक पाठ्यक्रम को प्रोत्साहित करें सभी विश्वविद्यालयःराज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय को व्यवहारिक रूप से प्रगति करने की दिशा में प्रयास जारी रखना चाहिए. बेहतर कोर्स और सिलेबस को अपनाना चाहिए. साथ ही रोजगारपरक कोर्स को बढ़ावा देना चाहिए. उन्होंने कमजोर विद्यार्थियों के लिए विशेष प्रयास करने का भी निर्देश दिया. राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय एक नए मिशन के साथ कार्य करें. विश्वविद्यालयों में जीरो भ्रष्टाचार, जीरो ड्रग्स और जीरो रिकोमेंडेशन होना चाहिए. उनका प्रदर्शन उत्कृष्ट होना चाहिए. राज्यपाल ने अच्छा प्रदर्शन और सुधार करने वाले यूनिवर्सिटिज को पुरस्कृत करने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में अनुशासन होना बेहद जरूरी है.
सामाजिक परिवर्तन का सशक्त माध्यम है शिक्षाःराज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि शिक्षा सामाजिक परिवर्तन का सशक्त माध्यम है. सभी विश्वविद्यालयों को बेहतर मानक को अपनाना चाहिए. विद्यार्थियों को व्यवहारिक ज्ञान हो, ताकि उनका प्लेसमेंट बेहतरीन संस्थाओं में जो सके, इसका ख्याल रखने की जरूरत है. राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय को खेलकूद समेत विभिन्न गतिविधियों के अवसर पर उपायुक्त, आरक्षी अधीक्षक को आमंत्रित करना चाहिए. विश्वविद्यालयों को प्रशासन के साथ मिलकर कार्य करना चाहिए. साथ ही विश्वविद्यालय ऐसे सफल उद्योगपतियों और प्रख्यात हस्तियों को आमंत्रित करें जिससे विद्यार्थियों में प्रेरणा का संचार हों और उनसे हमारे विद्यार्थियों को लाभ हों. उन्होंने कहा कि हमें विश्वविद्यालयों में शिक्षा के स्तर पर ऊपर उठाने का प्रयास करना चाहिए. समीक्षा के क्रम में झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में बहुत कम कैंपस सेलेक्शन पर राज्यपाल सह कुलाधिपति ने नाराजगी भी प्रकट की.
मेडिकल संस्थाओं में इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान देने की जरूरतःराज्यपाल ने चिकित्सा महाविद्यालयों के संदर्भ में चर्चा करते हुए कहा कि इनकी आधारभूत संरचना विकसित करने और अन्य आवश्यताओं की दिशा में ध्यान देने की जरूरत है. मेडिकल की सीटों की संख्या में वृद्धि हो सके, इसका प्रयास करने की जरूरत है. बैठक में विश्वविद्यालय में काउंसेलिंग सेंटर स्थापना के संदर्भ में चर्चा की गई, ताकि शिक्षण संस्थानों में पढ़नेवाले विद्यार्थी अपनी भावनाओं से अवगत करा सकें.
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विश्वविद्यालयों में शोध पर जोर देने की जरूरतःराज्यपाल के शैक्षणिक सलाहकार प्रो ई बालागुरुस्वामी ने विश्वविद्यालयों में शोध पर जोर देते हुए कहा कि आधारभूत संरचना विकसित करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारत को विकसित देश बनाने में विश्वविद्यालय की अहम भूमिका है. विश्वविद्यालयों में सकल नामांकन अनुपात में वृद्धि लाना होगा और विश्वविद्यालय रोजगार सुलभ कराने की कोशिश करें. उन्होंने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय को नैक मूल्यांकन में कम से कम ए ग्रेड हासिल करने के लिए प्रयास करना चाहिए.