रांची: झारखंड में पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य में मौजूदा सत्तारूढ़ महागठबंधन ने युवाओं को लेकर कई घोषणाएं की थी. उनमें सबसे प्रमुख घोषणा युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने को लेकर की गई थी. हालांकि सरकार गठन के 6 महीने बीत गए हैं, लेकिन इसके बावजूद एक तरफ जहां युवाओं की बेरोजगारी नहीं घटी वहीं दूसरी तरफ उन्हें मिलने वाला भत्ता भी शुरू नहीं हुआ है.
क्या कहते हैं सरकार के आंकड़े
सरकार के आंकड़ों पर यकीन करें तो लगभग 8 लाख से अधिक लोगों ने राज्य भर के एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज में रजिस्ट्रेशन कराया है. आंकड़ों के हिसाब से 8 लाख 7 हजार 699 लोगों ने श्रम एवं प्रशिक्षण विभाग के अंतर्गत आने वाले जिला नियोजनालयों में अपना निबंधन कराया है, ताकि वह सरकार की इस योजना का लाभ उठा सके. आंकड़ों के अनुसार पिछले महीने 33 हजार 259 लोगों ने, जबकि इस महीने में अब तक 3 हजार 133 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. इनमें बड़ी संख्या महिलाओं की भी है.
बेरोजगारी भत्ता रहा है प्रमुख मुद्दा
2019 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जो इलेक्शन मेनिफेस्टो जारी किया था, उसमें दूसरा प्रमुख बिंदु बेरोजगारी भत्ता का था. इसके अलावा नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होने के लिए युवाओं का परीक्षा शुल्क कम करने की घोषणा भी की गई थी. वहीं गरीब छात्रों के लिए परीक्षा शुल्क फ्री करने का भी दावा किया गया था. इतना ही नहीं ग्रामीण क्षेत्र में युवक-युवतियों को नौकरी हेतु प्रतियोगी परीक्षा में 10% अधिक अंक देकर मेरिट लिस्ट बनाने का दावा किया गया था. हालांकि अलग-अलग बिंदुओं के तहत युवाओं को राहत देने का दावा किया गया, लेकिन उनमें से प्रमुख बेरोजगारी भत्ता देने को लेकर सरकार अभी भी मौन है.