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उदयपुर नवचिंतन शिविर का झारखंड कांग्रेस पर दिखेगा असर, वर्षों से जिलाध्यक्ष पद पर काबिज नेताओं की होगी छुट्टी - कांग्रेस जिला अध्यक्ष

अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की उदयपुर नवचिंतन शिविर का असर झारखंड कांग्रेस पर दिखेगा. ये कहना है पार्टी नेताओं का. वर्षों से कांग्रेस जिला अध्यक्ष पद पर काबिज रहने वाले नेताओं की छुट्टी अब तय मानी जा रही है.

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Published : May 23, 2022, 2:10 PM IST

रांचीः कांग्रेस को मजबूत और खोए जनाधार को दोबारा प्राप्त करने की रणनीति को लेकर पिछले दिनों अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की उदयपुर नवचिंतन शिविर में तय हुआ. उदयपुर नवचिंतन शिविर संकल्प को अब धरातल पर उतारने की कवायद तेज हो गयी है. झारखंड में भी वैसे जिलाध्यक्षों जो लंबे दिनों या कह सकते हैं कि वर्षो से पार्टी में एक ही पद पर कब्जा जमाए लोगों की छुट्टी होनी तय है.

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एआईसीसी के इस शिविर के बाद अब झारखंड कांग्रेस के अंदर भी वैसे नेताओं को कुर्सी से हटाने की मांग होने लगी है जो एक दशक से भी ज्यादा वक्त से एक ही पद पर बने हुए हैं. वरीष्ठ कांग्रेस नेता जगदीश साहू कहते हैं कि राज्य में कांग्रेस के कई जिलाध्यक्ष ऐसे हैं जो सालों से जिलाध्यक्ष बने हुए हैं, चाहे इस दौरान राज्य में कांग्रेस के अध्यक्ष चाहे कोई हों. जगदीश साहू कहते हैं कि खूंटी के जिलाध्यक्ष रामकृष्ण 16 साल से, दुमका कांग्रेस जिलाध्यक्ष श्यामल किशोर सिंह 15 वर्ष से, देवघर कांग्रेस जिलाध्यक्ष 11 वर्ष से, जमशेदपुर (पूर्वी सिंहभूम) कांग्रेस जिलाध्यक्ष 09 वर्षो से ऐसे जिलाध्यक्ष हैं.

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जगदीश साहू कहते हैं कि पहुंच और पैरवी के बल पर वर्षों से जिलाध्यक्ष पद पर बैठे लोगों को हटाना जरूरी है. इनकी जगह कोई नया चेहरा जब जिलाध्यक्ष बनेंगे तो कांग्रेसियों में उत्साह आएगा और पार्टी मजबूत होगी. यह बदलाव पार्टी के लिए बहुत फायदेमंद होगी, ऐसा इनका कहना है.

उदयपुर संकल्प को झारखंड में उतारा जाएगाः झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि यह सही है कि उदयपुर चिंतन शिविर में कई घोषणाएं की गयी है, जिससे संगठन को मजबूती मिले. इसका महत्वपूर्ण हिस्सा यह है कि वर्षों से एक ही पद से चिपके लोगों की छुट्टी होगी. वहीं एक ही परिवार के दो लोगों टिकट के अभ्यर्थी होने की योग्यता नहीं होगी. बूथ लेवल से लेकर जिला स्तर तक दल को मजबूत किया जाएगा. साथ ही लोगों की राय भी ली जाएगी कि कैसे कांग्रेस मजबूत हो.

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