रांची: कोविड-19 के दौर में जब जिंदगी की गाड़ी रुक गई थी, तब आशंकाओं के घने कोहरे को दूर करने में सबसे अहम भूमिका निभाई झारखंड की सखी मंडल की दीदियों ने. पंचायत स्तर पर ग्रामीणों को दो वक्त का खाना खिलाना हो, गांव में घूम घूम कर थर्मल स्क्रीनिंग करनी हो या क्वॉरेंटाइन सेंटर में भोजन मुहैया कराना हो. इन मोर्चों को सखी मंडल की दीदियों ने ही संभाला. लिहाजा सखी मंडल की दीदियों के जरिए ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए आजीविका संवर्धन हुनर अभियान यानी आशा और फुलो झानो आशीर्वाद अभियान का शुभारंभ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया है, साथ ही सखी मंडल के उत्पादों को एक ब्रांड के तहत बाजार में अलग पहचान दिलाने के लिए "पलाश" नाम दिया गया है.
सखी मंडल की दीदियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब मेरे घर भी पलाश ब्रांड के उत्पाद मंगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर हम सभी इस ब्रांड को अपना लें तो यह महिला सशक्तिकरण में मील का पत्थर साबित हो सकता है. उन्होंने बड़े-बड़े कॉर्पोरेट घराना का जिक्र करते हुए कहा कि जब लोहा बनाने वाली टाटा जैसी कंपनी हर प्रोडक्ट बेच सकती है तो हमारी दीदियां ऐसा क्यों नहीं कर सकती. उन्होंने कहा कि महिलाओं के एक समूह ने ही लिज्जत पापड़ को देश का नंबर वन पापड़ बनाया है. इस मौके पर सखी मंडल की दीदियों की ओर से तैयार उत्पाद मसलन, मास्क, सेनेटाइजर, साबुन, धागा, जूट के बने थैले, शहद और मिठाइयों काउंटर का सीएम ने अवलोकन किया. इस मौके पर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता और मंत्री चंपई सोरेन, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव आराधना पटनायक और जेएसएलपीएस के सीईओ समेत कई विधायक और सखी मंडल की दीदियां मौजूद थी.
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