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Human Trafficking in Jharkhand: मानव तस्करी की शिकार झारखंड की 2 बच्चियों को दिल्ली से कराया गया मुक्त - Jharkhand News

झारखंड में मानव तस्करी (Human trafficking in Jharkhand) की शिकार दो बच्चियों को दिल्ली से मुक्त कराया गया (Jharkhand girls freed from Delhi) है. दोनों बच्चियां झारखंड के गोड्डा की रहने वाली हैं, उन्हें चाइल्ड वेलफेयर कमेटी में प्रस्तुत कर उनकी लगातार काउंसेलिंग की जा रही है.

Jharkhand girls freed from Delhi
Jharkhand girls freed from Delhi

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Published : Sep 8, 2022, 4:36 PM IST

रांची: झारखंड में मानव तस्करी (Human trafficking in Jharkhand) की शिकार हुई बच्चियों को वापस लाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. इसी कड़ी में मानव तस्करी की शिकार झारखंड के गोड्डा जिले की दो बच्चियों को दिल्ली में मुक्त कराया गया (Jharkhand girls freed from Delhi) है.

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टोल फ्री नम्बर पर मिली सूचना पर हुई करवाई:मानव तस्करी पर झारखंड सरकार और महिला एवं बाल विकास विभाग काफी संवेदनशील हो चुका है. ऐसे मामलों को लेकर आईआरआरसी द्वारा संचालित टोल फ्री नंबर 10582 पर गुप्त सूचना से यह पता चला था कि झारखंड के गोड्डा जिले की 02 बच्चियों को नई दिल्ली में बेच दिया गया है. मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई कर बुधवार की देर रात स्थानीय पुलिस की मदद से छापेमारी कर एक अपार्टमेंट से दोनों बच्चियों को सकुशल मुक्त करा लिया गया.

बता दें कि दोनों नाबालिग बच्चियों को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी में प्रस्तुत कर उनकी लगातार काउंसेलिंग की जा रही है. सूचना है कि नई दिल्ली में कुछ और बच्चियों को बेचा गया है. रेस्क्यू ऑपरेशन में जिन लोगों को पकड़ा गया है, उनसे भी पूछताछ कर अन्य बच्चियों के बारे में जानकारी इकट्ठी की जा रही है. महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सभी जिलों को सख्त निर्देश दिया गया है कि जिस भी जिले के बच्चों को दिल्ली में रेस्क्यू किया जाएगा, उस जिले के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी एवं बाल संरक्षण पदाधिकारी द्वारा उनके मूल जिले में पुनर्वास किया जाएगा.


दलालों के माध्यम से पलायन किये थे:दिल्ली में मुक्त करायी गईं बच्चियों को दलाल के माध्यम से लाया गया था. झारखंड में ऐसे दलाल बहुत सक्रिय हैं, जो छोटी बच्चियों को दिल्ली में अच्छी जिंदगी जीने की लालच देकर उन्हें दिल्ली लाते हैं और विभिन्न घरों में उन्हें काम पर लगाने के बहाने बेच देते हैं. इससे दलालों को मोटी रकम प्राप्त होती है और इन बच्चियों की जिंदगी नर्क से भी बदतर बना दी जाती है.


मुक्त लोगों की होगी सतत निगरानी:समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक छवि रंजन द्वारा सभी जिले को सख्त निर्देश दिया गया है कि झारखंड लाए जा रहे बच्चों को जिले में संचालित कल्याणकारी योजनाओं, स्पॉन्सरशिप, फॉस्टरकेयर, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय से जोड़ते हुए उनकी ग्राम बाल संरक्षण समिति (VLCPC)) के माध्यम से सतत निगरानी की जाएगी. ताकि बच्चियों को पुन: मानव तस्करी का शिकार होने से बचाया जा सके.

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