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महिला पुलिस अधिकारी ने अपराधियों को ट्रैप में फंसाया, मोबाइल के लालच में दबोचे गए - ट्रैप में फंसे दोनों अपराधी

रांची में पुलिस पर हमला मामला में महिला पुलिस अधिकारी का ट्रैप सिस्टम काम आया. जिसमें चुटिया थाना के दारोगा सुभाष पर गोलीबारी मामले में शामिल दोनों अपराधियों को रांची पुलिस ने 12 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया.

Two criminals arrested in attack on inspector case in Ranchi
शिकंजे में दो अपराधी

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Published : Mar 20, 2021, 4:26 AM IST

Updated : Mar 20, 2021, 8:36 AM IST

महिला पुलिस अधिकारी ने अपराधियों को ट्रैप में फंसाया, मोबाइल के लालच में दबोचे गए

रांचीः चुटिया थाना के दरोगा सुभाष पर गोलीबारी मामले में शामिल दोनों अपराधियों को रांची पुलिस ने 12 घंटे के अंदर धर-दबोचा है. पुलिस की इस सफलता के पीछे एक महिला पुलिस अधिकारी का महत्वपूर्ण योगदान रहा. अपराधियाें को पकड़ने में महिला अधिकारी का ट्रैप सिस्टम काम आया और नतीजा सुखद रहा.

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मोबाइल के चक्कर में फंसे अपराधी
अपराधियों का एक मोबाइल घटनास्थल पर ही गिर गया था. उस मोबाइल को पुलिस ने ऑन रखा था. फोन पर अपराधियों का कॉल लगातार आ रहा था. इसबीच पुलिस अधिकारियों ने फिल्मी स्टाइल में पकड़ने की ट्रैपिंग सिस्टम अपनाई. फिर महिला अधिकारी ने कॉल उठाकर कहा मैं एक गरीब महिला हूं, मुझे मोबाइल मिला है, रास्ते में किनारे गिरा हुआ था. अपराधियों को विश्चास दिलाकर मोबाइल लौटाने के लिए महिला अधिकारी ने बुलाया.

विश्वास होने के बाद महिला अधिकारी ने खुद को गरीब महिला बता कहा मोबाइल आकर मोरहाबादी मैदान में ले लो. इस बातचीत के आधार पर महिला पुलिस अधिकारी ने अपनी जाल बिछाकर मोरहाबादी में गरीब महिला बनकर इंतजार कर रही थी. करीब एक घंटे तक अपराधी मोबाइल लेने नहीं आया. महिला अधिकारी ने अपराधी से बातचीत कर जब कहा कि अब वह लौट जाएगी, तब उसने एक दूसरे व्यक्ति को वहां भेजा. उसके पहुंचते ही पुलिस ने अपराधी की ओर से भेजे गए युवक को दबाेच लिया.

उसके पकड़े जाने के बाद पता चला कि तौकीद उर्फ शेखु अपनी घर के किसी बच्ची को लेकर हजारीबाग चला गया. इस दौरान पुलिस ने तकनीकी इनपुट के साथ उस घर को घेर लिया, जहां तोकीद छुपा था, उसे दबोचकर रांची लाई, रांची लाने के बाद इमरोज के घर पुलिस पहुंची. अपने घर पर छापेमारी होने पर वह बगल के एक घर में दुबककर छुप गया था. हालांकि देर रात पुलिस की टीम को स्थानीय लोगों ने गिरफ्तारी में मदद की और अपराधी पकड़ा गया.

पहली बार सभी थाना एक होकर कर रहे थे काम
दारोगा पर फायरिंग के बाद रांची पुलिस ने एकजुटता का परिचय भी दिया है. रांची के शहरी और ग्रामीण थानों की पुलिस एक होकर काम में जुट गई थी. इस बार एसएसपी या किसी वरीय अधिकारियों को यह कहना नहीं पड़ा कि आप भी टीम में लग जाओ. इसबार खुद सभी थानों के थानेदार और पुलिस अधिकारी रोल में आ गए. खुद एसएसपी को जानकारी देकर ऑपरेशन में लग गए. सभी यह बताते रह कि मैं हजारीबाग जा रहा, मैं तकनीकी सेल में हूं, मैं इस इलाके में हूं, कोई सीसीटीवी फुटेज देखता रहा, कोई तकनीकी लोकेशन, कोई मैनुआल सोर्स, कोई ट्रैपिंग सिस्टम में जुटा रहा. पुलिस की एकजुटता का परिणाम हुआ कि अपराधी 12 घंटे के भीतर ही दबोच लिए गए.

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सोनार हुआ फरार, भारी मात्रा में खपा चुका है छिनतई की चेन
इन दोनों अपराधियों के बारे में पता चला है कि रांची के अलग-अलग इलाकों से 20 से 25 मोबाइल और चेन छिनतई की घटनाओं को अंजाम दिया है. लूट गए चेन को वह एक सोनार के पास खपाता है. वह सोनार अपराधियों के पकड़े जाने के बाद फरार हो गया, पुलिस उस सोनार की तलाश कर रही है.

घायल दरोगा से मिले डीजीपी
दूसरी तरफ अपराधी में गोलीबारी में घायल सब इंस्पेक्टर सुभाष से मुलाकात करने के लिए झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा भी मेडिका अस्पताल पहुंचे. घायल दरोगा से मुलाकात करने के बाद डीजीपी ने बताया कि सुभाष ने जो बहादुरी दिखाई है उसके लिए वो उसका नाम प्रेसिडेंट अवॉर्ड आफ गैलेंट्री के लिए भेजेंगे.

Last Updated : Mar 20, 2021, 8:36 AM IST

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