रांचीः देवघर में त्रिकूट रोपवे हादसे में फंसे लोगों का रेस्क्यू कार्य मंगलवार को पूरा कर लिया गया. 63 लोगों को बचाने के लिए तीन दिन तक रोपवे में मेंटिनेंस का काम देखने वाले पन्नालाल, वायु सेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. लेकिन लंबी जद्दोजहद के बाद भी ये टीम तीन लोगों की जान नहीं बचा सकी हैं. इसको लेकर वायुसेना ने अफसोस जताया है. साथ ही कठिन रेस्क्यू ऑपरेशन और लोगों की जिंदगी बचाने की जद्दोजहद की एक बानगी ट्वीट कर लोगों को बताई है.
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मंगलवार को आईएफ के वेरीफाइड ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया. इसमें IAF ने कहा है कि, भारतीय वायुसेना ने 11 और 12 अप्रैल को झारखंड के देवघर जिले में त्रिकूट हिल्स रोपवे में फंसे लोगों के लिए राहत और बचाव अभियान चलाया. इस दौरान रोपवे में फंसे लोगों को बचाया. इसके लिए आईएएफ के MI-17V5 और ALH MK III हेलीकॉप्टर ने 28 उड़ान भरी और 26 घंटे आसमान में रहे.
अपने अगले ट्वीट में वायुसेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान दो लोगों की मौत पर दुख जाहिर किया है. बता दें कि रोपवे से गिरने से एक शख्स की मौत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने से पहले ही हो गई थी. आईएएफ ने अपने ट्वीट में लिखा है कि इस चुनौतीपूर्ण मिशन में वायुसेना ने 10 रोपवे केबल कार से 35 लोगों को बचाया. हालांकि उसे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान दो लोगों की मौत पर दुख है.
चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन की झलकः इससे पहले भारतीय वायुसेना ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए त्रिकूट हिल्स रोपवे के चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन की झलकी दिखाई. आईएएफ ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा था कि देवघर रोपवे पर फंसे लोगों को बचाने के लिए तड़के बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है. हर फंसे व्यक्ति को जल्द से जल्द बचाने का प्रयास किया जा रहा है.