रांचीःराष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 75वें पूण्यतिथि के अवसर पर बापू वाटिका में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इस अवसर पर राज्यपाल रमेश बैस और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित की. इसके साथ ही राज्यसभा सांसद डॉ महुआ माजी, विधायक सीपी सिंह, महापौर डॉ आशा लकड़ा सहित बड़ी संख्या में लोगों ने राष्ट्रपिता को याद करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पूण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा, सीएम और राज्यपाल ने बापू को किया याद
रांची में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पूण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में सीएम हेमंत सोरेन और राज्यपाल रमेश बैस पहुंचे और दो मिनट का मौन रखकर बापू को याद किए.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हम सभी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचार, आदर्श और संदेश को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए. आज का दिन देश के लिए स्मरणीय दिन है. किसी भी हाल में उनके विचारों को समाप्त नही होने देना चाहिए.
बापू के भजन से गूंजा बापू बाटिकाःराष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पूण्यतिथि के अवसर पर बापू वाटिका स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी प्रतिमा स्थल पर भजन मंडली के कलाकारों ने बापू के प्रिय भजन वैष्णव जन तो तेने कहिए जो पीर पराई जाने रे और रामधुन प्रस्तुत किये. भजन कार्यक्रम से पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए 2 मिनट का मौन भी रखा गया. इसके साथ ही राज्यपाल रमेश बैस और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चरखा चलाकर बापू को याद किया.
महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था. लेकिन उनके आचरण और योगदान के कारण भारतवासी ही नहीं विदेशों के लोग उन्हें बापू कहकर पुकारते हैं. 2 अक्तूबर को गांधी जी का जन्म हुआ था और देश की आजादी के लिए अपना जीवन खपाने वाले बापू स्वतंत्रता के कुछ महीनों बाद ही देशवासियों को छोड़कर चले गए. 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या कर दी. यह दिन पूरे देश के लिए काला अध्याय के दिन रूप में जाना जाता है. महात्मा गांधी की याद में उनकी पुण्यतिथि को भारत शहीद दिवस के तौर पर मनाता है.
कार्यक्रम में पहुंचे राज्यपाल रमेश बैस मीडिया से दूर रहे. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री से बातचीत करते दिखे. लेकिन मीडिया में कोई बातचीत नहीं की. राज्यपाल मोरहाबादी कार्यक्रम स्थल से रवाना हो गए. मीडियाकर्मियों की तैयारी 1932 खतियान आधारित स्थानीयता से संबंधित विधेयक को राजभवन द्वारा वापस किए जाने से संबंधित प्रश्न पूछे जाने को लेकर था. इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी कुछ भी नहीं बोले और रवाना हो गए.