झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

शहीद बुधु भगत की जमीन पर एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाए जाने का विरोध, आदिवासियों का एनएच जाम करने का ऐलान - रांची में आदिवासी संगठनों का विरोध

शहीद वीर बुधु भगत के नाम से चिन्हित जमीन पर एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाए को लेकर विरोध जारी है. आदिवासी संगठनों ने 25 सितंबर को नेशनल हाइवे जाम करने का ऐलान किया है.

Oppose to build Eklavya residential school in Ranchi
रांची में एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाने का विरोध

By

Published : Sep 23, 2021, 5:52 PM IST

रांची:शहीद वीर बुधु भगत के नाम से चिन्हित जमीन पर एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाए जाने का विरोध लगातार बढ़ रहा है. राज्य के विभिन्न आदिवासी सामाजिक संगठन एकजुट होकर आगामी 25 सितंबर को एनएच जाम करने के साथ ही 3 अक्टूबर को सिलंगाई चलो नारा के साथ आवासीय विद्यालय का निर्माण कार्य रोकने की चेतावनी दी है.

यह भी पढ़ें:दूध की यात्रा! लंबी प्रक्रिया के बाद आपके घरों तक पहुंचता है दूध, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

दूसरे जमीन पर विद्यालय बनाने की मांग

पूर्व विधायक देव कुमार धान ने कहा कि अमर शहीद वीर बुधु भगत की जन्मस्थली सिलंगाई में उनके नाम से 52 एकड़ जमीन चिन्हित किया गया है. जहां वीर बुधु भगत की जयंती के अवसर पर जतरा मेला का आयोजन होता है. इस जमीन पर केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्रालय की ओर से एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाया जा रहा है, जिसका आदिवासी समाज के बड़े तबके ने विरोध किया है. आदिवसी नेता सुभाष मुंडा ने कहा कि आदिवासी समाज की मांग है वीर बुधु भगत के नाम से चिन्हित जमीन पर आवासीय विद्यालय न बनाकर क्षेत्र के किसी दूसरे जमीन पर विद्यालय बनाया जाए. जिससे समाज के लोगों को इस विद्यालय का लाभ मिले और स्वतंत्रता सेनानी रहे वीर बुधु भगत का अस्तित्व भी बरकरार रहे.

देखें पूरी खबर

चरणबद्ध तरीके से आंदोलन कर रहे आदिवासी समाज के लोग

सरना समिति के अध्यक्ष अजय तुर्की की मानें तो अमर शहीद वीर बुधु भगत के नाम से चिन्हित जमीन पर जैसे ही आवासीय विद्यालय बनाए जाने का योजना लाई गई, आदिवासी समाज इसके विरोध में सड़क पर उतर गया. केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, सांसद सुदर्शन भगत और विधायक बंधु तिर्की का पुतला दहन कर लगातार चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जा रहा है. इसके बावजूद यहां निर्माण कार्य जारी है. इसको लेकर कई आदिवासी सामाजिक संगठन एकजुट होकर आगामी 25 सितंबर को एनएच जाम करने की चेतावनी दी है. साथ ही 3 अक्टूबर को सिलंगाई चलो नारा के साथ आवासीय विद्यालय का निर्माण कार्य रोकने की चेतावनी दी है.

अंग्रेजों, जमींदारों के खिलाफ बुधु ने छेड़ी थी जंग

शहीद वीर बुधु भगत कोल आंदोलन के महानायक थे. जिन्होंने सन 1831-32 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम का आंदोलन छेड़ा और अंग्रेजों को नाकों चने चबवा दिए थे. क्रांतिकारी बुधु भगत का जन्म 17 फरवरी 1792 में रांची के चान्हो प्रखंड में हुआ था. वे बचपन से ही तलवारबाजी और धनुर्विद्या का अभ्यास करते थे और साथ में हमेशा एक कुल्हाड़ी रखते थे. ऐसा कहा जाता था कि वीर बुधु भगत को दैवीय शक्तियां प्राप्त थी. इसलिए वो एक कुल्हाड़ी हमेशा अपने साथ रखते थे. कोल आंदोलन के जननेता बुधु भगत ने अंग्रेजों, जमींदारों, दलालों के खिलाफ भूमि, वन की सुरक्षा के लिए जंग छेड़ी थी.

अंग्रेजों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे बुधु भगत

अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ उन्होंने कई आंदोलन किए. जनजातियों को बचाने के लिए शुरू किए गए लरका आंदोलन और कोल विद्रोह की अगुआई भी उन्होंने की. अपने दस्ते को गुरिल्ला युद्ध के लिए प्रशिक्षित किया. अंग्रेजों ने उन्हें पकड़ने के लिए उस समय एक हजार रुपये इनाम की घोषणा की थी. 13 फरवरी 1832 को अपने गांव सिलागाई में अंग्रेजों की सेना से लड़ते हुए साथियों के साथ बुधु भगत शहीद हो गए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details