रांचीःआदिवासी समाज के लोग लंबे समय से अपनी पहचान की लड़ाई लड़ रहे हैं. झारखंड विधानसभा से सरना आदिवासी धर्मकोड का प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद केंद्र में इस सरना आदिवासी धर्मकोड के प्रस्ताव को पास करने को लेकर आदिवासी समाज के लोग एक बार फिर से एकजुट हो गए हैं. इसी कड़ी में आदिवासी सिंगल अभियान, केंद्रीय सरना समिति, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के संयुक्त तत्वाधान में आज रोड-रेल चक्का जाम कर रहे हैं. इस जाम का मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है.
सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आदिवासी संगठन का रोड-रेल चक्का जाम आज, ट्रेनों का आवागमन बाधित
सरना धर्म कोड की मांग को लेकर रांची में रविवार को आदिवासी समाज के लोगों ने रोड रेल चक्का जाम कर दिया है. आदिवासी संगठनों का कहना है कि केंद्र सरकार को इसे 30 नवंबर तक लागू करने या आदिवासी समाज के साथ वार्ता करने का अल्टीमेटम दिया गया था. केंद्र सरकार इस पर मौन रही.
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तीन ट्रेन को किया गया डायवर्ट
आदिवासी संगठनों की ओर से रोड रेल चक्का जाम का आवाहन किए जाने के बाद रांची में इसका असर मिलाजुला देखने को मिल रहा है. इस चक्का जाम के कारण तीन ट्रेनों को डायवर्ट कर दिया गया है. रांची रेल मंडल में प्रदर्शन अभी देखने को नहीं मिला है, लेकिन अन्य रेल मंडलों में ट्रेनों का आवागमन बाधित जरूर हुआ है, जिसका असर रांची रेल मंडल में भी पड़ा है. ट्रेनों को डाइवर्ट कर चलाया जा रहा है.
आदिवासी संगठनों के द्वारा पूर्व में ही देशव्यापी रेल रोड चक्का जाम शांतिपूर्ण करने का अपील किया था. आदिवासी संगठनों का कहना है कि केंद्र सरकार को इसे 30 नवंबर तक लागू करने या आदिवासी समाज के साथ वार्ता करने का अल्टीमेटम दिया गया था. केंद्र सरकार इस पर मौन रही, इसलिए आदिवासी समाज ने आज रेल-रोड चक्का जाम कर रहे हैं.