झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

सीएम हेमंत सोरेन पर भड़का आदिवासी संगठन, कहा- ऐसी ही हालत रही तो होगा तख्तापलट - झारखंड खबर

झारखंड में स्थानीय और नियोजन नीति को लेकर हेमंत सरकार से आदिवासी संगठन नाराज हैं. आदिवासी नेता करमा उरांव ने कहा कि ऐसी हालत रही तो तख्तापलट भी हो सकता है. इन संगठनों की ओर से 12 मार्च को राज्य सरकार के खिलाफ महारैली का आयोजन किया जाएगा.

domicile and planning policy in Jharkhand
domicile and planning policy in Jharkhand

By

Published : Feb 4, 2022, 4:25 PM IST

रांची: एक बार फिर आदिवासी मूलवासी सामाजिक संगठनों ने राज्य में स्थानीय और नियोजन नीति को लेकर आंदोलन करने का मूड बनाया है. इसी कड़ी में संगठनों के प्रतिनिधियों ने राजधानी रांची में एक महारैली की तैयारी को लेकर बैठक की. बैठक के दौरान राज्य सरकार के विरोध में आवाज बुलंद किया गया.

ये भी पढ़ें-स्थानीय और नियोजन नीति को लेकर एक मंच पर आदिवासी संगठन, कहा- जल्द नहीं बना तो होगा उग्र आंदोलन

एक लंबे समय से झारखंड के आदिवासी और मूलवासी सामाजिक संगठनों की ओर से झारखंड में स्थानीय और नियोजन नीति स्पष्ट करने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन किया जा रहा है. साथ ही 1932 खतियान की मांग भी की जा रही है. रघुवर सरकार के अलावे हेमंत सरकार से भी इन संगठनों की ओर से स्थानीय और नियोजन नीति को स्पष्ट करने की मांग लगातार की जा रही है. इसके अलावे नियुक्ति नियमावली में भाषाएं विवाद को सुलझाने के लिए सरकार को उचित कदम उठाने की अपील भी की गई है. इसी कड़ी में सामाजिक संगठनों का संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में झारखंड में स्थानीय और नियोजन नीति विषय को लेकर संयुक्त अभियान के तहत महारैली के आयोजन की तैयारी चल रही है. साथ ही अपनी मांगों को लेकर एक बड़ा आंदोलन खड़ा करने की रणनीति भी बनाई जा रही है. शुक्रवार को आयोजित आदिवासी संगठनों के इस बैठक के दौरान संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि किसी भी हाल में राज्य में आदिवासियों के भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा. जो भावना आदिवासियों का है राज्य में उसी के अनुरूप काम करना होगा.

देखें पूरी खबर
12 मार्च को महारैली: इन संगठनों की ओर से 12 मार्च को राज्य सरकार के खिलाफ महारैली का आयोजन किया जाएगा. इस रैली में विभिन्न सामाजिक आदिवासी संगठनों को शामिल होने के लिए आह्वान भी किया गया है. इस दौरान आदिवासी नेता करमा उरांव ने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है. झारखंड में क्रांति होगा. आदिवासी मूल निवासियों के हित की रक्षा नहीं हो रही है. राज्य सरकार की नियुक्ति नियमावली का विरोध पुरजोर तरीके से होगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन निरंकुश हो गए हैं. वह जनता का मुख्यमंत्री नहीं है, बल्कि ब्यूरोक्रेट के इसारो पर चलते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details