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अब रोबोटिक बाईपास सर्जरी से होगा हृदय रोग का इलाज, ऑपेरशन के अगले दिन ही चलने फिरने लगेगा मरीज

Robotic bypass surgery for heart disease. हृदय रोग के मरीजों का इलाज अब रोबोटिक्स के जरिए किया जा रहा है. रोबोटिक बाईपास सर्जरी यानी कि CABG के अगले दिन ही मरीज चलने लग सकता है. जल्द ही मेड इन इंडिया के तहत 'मंत्रा' नाम की मशीन का निर्माण हो रहा है. इसके जरिए इससे इलाज सस्ता हो जाएगा.

Robotic bypass surgery for heart disease
Robotic bypass surgery for heart disease

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 23, 2023, 6:30 PM IST

सर्जन डॉ ललित कपूर से संवाददाता उपेंद्र कुमार की खास बातचीत

रांची:भारत दुनिया के उन देशों में से एक है जहां हृदय रोग के मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है. देश में हृदय रोग से पीड़ित लोगों में सबसे ज्यादा संख्या कोरोनरी हृदय रोग के मरीजों की है. सरल भाषा में कहें तो हृदय तक रक्त पहुंचाने वाला मार्ग अवरुद्ध हो जाता है. ऐसी स्थिति में सीटीवीएस डॉक्टर बाईपास सर्जरी को अपनाते हैं. चिकित्सा के क्षेत्र में हर दिन हो रहे विकास और शोध के बाद अब डॉक्टर रोबोटिक बाईपास सर्जरी को बाईपास सर्जरी में एक नए युग की शुरुआत कहने लगे हैं. मेडिकल भाषा में इस सर्जरी को CABG (कोरोनरी आर्टरी बायपास ग्राफ्ट) कहा जाता है.

रोबोटिक सीएबीजी एक नए युग की शुरुआत:हृदय समागम के लिए रांची आये देश के प्रसिद्ध कार्डियो थोरेसिक सर्जन डॉ. ललित कपूर ने अपने वैज्ञानिक सत्र में रोबोटिक सीएबीजी को एक नये युग की शुरुआत बताया और कहा कि जैसे-जैसे विज्ञान आगे बढ़ा है, जटिलताएं कम हुई हैं. रोबोटिक सर्जरी के साथ बाईपास सर्जरी से कोरोनरी हृदय रोग (सीएचडी) का इलाज काफी आसान हो जाएगा. उन्होंने अपने वैज्ञानिक सत्र में कहा कि रोबोटिक सर्जरी से सीएबीजी के परिणाम काफी बेहतर आते हैं और यह इतना आसान है कि सीएबीजी को शरीर में सिर्फ 03 छोटे-छोटे छेदों के माध्यम से किया जाता है.

बाईपास सर्जरी से बचाई जाती है मरीज की जान:हृदय समागम में अपने वैज्ञानिक सत्र के बाद ईटीवी भारत से विशेष रूप से बात करते हुए, नारायण हृदयालय के प्रसिद्ध सीटीवीएस सर्जन डॉ. ललित कपूर ने कहा कि जब रोगी की कोरोनरी धमनी में रुकावट बहुत गंभीर हो जाती है या किसी कारण से एंजियोप्लास्टी नहीं की जा सकती है. फिर बाई पास सर्जरी की जाती है. उन्होंने कहा कि डॉक्टर हमेशा चाहते हैं कि मरीज की तकलीफ कम हो, ऑपरेशन छोटे हों ताकि खतरा भी कम हो. पहले हार्ट लंग मशीन लगाकर बाइपास सर्जरी की जाती थी. डॉ. ललित कपूर ने कहा कि अब बात रोबोट पर आ गई है. जहां पहले बायपास सर्जरी छाती को काटकर की जाती थी, अब केवल 03 छोटे छेदों के माध्यम से ही यह संभव है. उन्होंने बताया कि रोबोटिक सीएबीजी सर्जरी के अगले दिन से ही मरीज चलना शुरू कर देता है. अगर कोई कट न लगे तो मरीज का डर भी दूर हो जाता है.

मेड इन इंडिया रोबोट से सस्ती हो जाएगी सीएबीजी सर्जरी!: डॉ. ललित कपूर ने कहा कि वर्तमान में रोबोटिक सीएबीजी सर्जरी में मुख्य समस्या इसकी महंगी रोबोट मशीन है. जिसकी कीमत लगभग 20 करोड़ रुपये है और छोटे चिकित्सा संस्थान इस राशि को वहन नहीं कर पाएंगे. एक खास बात जो उन्होंने ईटीवी भारत से साझा की वह यह है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान भी मेड इन इंडिया रोबोट आधारित मशीन "मंत्रा" से हो जाएगा, क्योंकि यह काफी सस्ती और बेहतर परफॉर्मेंस वाली होगी.

कार्बोहाइड्रेट का कम करें सेवन:सीटीवीएस सर्जन डॉ. ललित कपूर ने ईटीवी भारत के माध्यम से राज्य और देशवासियों को हृदय रोग से बचाव के लिए तीन महत्वपूर्ण बातें भी बताईं. उन्होंने कहा कि आहार में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम करें और सब्जियों और फलों की मात्रा बढ़ा दें. उन्होंने कहा कि देश में आलू, चावल और आटा प्रमुख खाद्य पदार्थ हैं, जो ठीक नहीं है. दूसरी बात, धूम्रपान हृदय रोग बढ़ने का एक बड़ा कारण है, इसलिए इससे बचें. हृदय रोग का मधुमेह से मैत्रीपूर्ण संबंध है, इसलिए मधुमेह पर नियंत्रण रखें.

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