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रांचीः छह नाबालिग सहित 19 लड़कियों की नौकरी के नाम पर ट्रैफिकिंग, आरोपी पुलिस हिरासत में

रांची में लड़कियों की तस्करी का बड़ा मामला सामने आया है. बोकारो, गुमला, पलामू सहित अन्य इलाकों से नौकरी के नाम पर छह नाबालिग सहित 19 लड़कियों को रांची लाया गया था, जहां सभी को 1 महीने से बंधक बनाकर रखा गया था. बाद में भाजपा नेता की मदद से सभी को छुड़ाया गया.

मानव तस्करी
मानव तस्करी

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Published : Feb 25, 2021, 10:49 PM IST

रांचीः राजधानी रांची में एक नॉन बैंकिंग कंपनी में नौकरी लगाने के नाम पर छह नाबालिग सहित 19 लड़कियों की ट्रैफिकिंग करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. बोकारो, गुमला, पलामू सहित अन्य इलाकों से नॉन बैंकिंग कंपनी में काम करवाने के नाम पर ट्रैफिकिंग कर रांची लाया गया. सभी लड़कियों को रांची के पुंदाग इलाके के एक घर से बरामद किया गया है.

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नाबालिग सहित 19 लड़कियों को रांची के पुंदाग स्थित एक घर में अल्ट्रा वर्ल्ड इंटरनेशल प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी में काम करने के नाम पर रखा गया था. वहां सभी को बंधक बनाकर रखा जाता था. किसी को भी निकलने नहीं दिया जा रहा था. इस तरह सभी को एक महीने तक बंधक बनाकर काम करवाया गया.

एक महीने पूरा होने के बाद न उन्हें निकलने दिया गया, न ही वेतन दिया गया. इसके बाद लड़कियों ने भाजपा नेता सह हिंदू राष्ट्र सेना के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार मिनोचा से संपर्क किया, इसके बाद संजय मिनोचा मौके पर पहुंचे और लड़कियों को पुंदाग ओपी लेकर पहुंचे. वहां कंपनी में काम करने वाले अविनाश कुमार नाम के आरोपित को पुलिस के हवाले किया. फिलहाल आरोपित से पुलिस पूछताछ कर रही है.

पुंदाग ओपी प्रभारी अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है. पूरी जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.

झूठ बोलकर लाया गया रांची

पीड़ित लड़कियों के अनुसार हजारीबाग निवासी अविनाश कुमार ने नॉन बैंकिंग कंपनी में काम दिलाने की बात कह पुंदाग स्थित अल्ट्रा वर्ल्ड इंटरनेशल प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी में लाया गया था, जहां नौकरी दिलाने के नाम पर सभी से पांच-पांच हजार रुपये भी लिए गए.

इसके बाद करीब एक महीने तक प्रतिमाह नौ हजार रुपये के वेतन पर काम करवाया गया. सभी को बंधक बनाकर एक कमरे में रखा जा रहा था. इसके बाद किसी को वेतन नहीं दिया गया.

कॉल कर झांसे में लेने की दी गई थी जिम्मेदारी

भाजपा नेता संजय कुमार मिनोचा के अनुसार सभी लड़कियों को एक मोबाइल फोन से संबंधित डेटा दिया गया था. उन नंबरों पर संपर्क कर कंपनी में जुड़ने के लिए झांसा देने की जिम्मेदारी दी गई थी. लड़कियों की ओर से विरोध के बावजूद जबरन यही काम करवाया जाता था. इसके अलावा सभी से कहा जाता था कि ट्रेनिंग पूरा करने के बाद दूसरे राज्य भेजा जाएगा.

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