रांची:कृषि कर, होल्डिंग टैक्स को लेकर राज्य सरकार और झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स आमने-सामने आ गए हैं. राज्य सरकार के कर बढ़ाने से नाराज व्यापारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि झारखंड सरकार इसे वापस नहीं लेती तो राज्य में 15 मई से खाद्यान्नों का आवक बंद कर देंगे. उन्होंने सरकार पर भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया.
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शनिवार को चैंबर ऑफ कॉमर्स झारखंड कार्यालय में प्रेसवार्ता आयोजित की गई. इसमें व्यवसायियों ने कृषि कर और होल्डिंग टैक्स को लेकर सरकार के प्रति नाराजगी जताई. व्यापारियों ने कहा कि इस सरकार में व्यवसायियों को हो रही परेशानी को कोई सुनने वाला नहीं है. ऐसे में बाध्य होकर व्यवसायी खाद्यान्नों की आवक बंद करने जा रहे हैं, जिससे आम लोगों की परेशानी बढे़गी. चैंबर ऑफ कॉमर्स झारखंड के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन प्रसाद जलान ने सरकार को चेतावनी दी कि सरकार इन करों को वापस ले, वर्ना हम खाद्यान्नों की आवक बंद कर देंगे.
जलान ने कहा कि कृषि कर 2 फीसदी लगाए जाने से जहां महंगाई से त्रस्त जनता पर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा, वहीं भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा. भ्रष्टाचार के कारण ही पूर्व में व्यवसायियों की मांग पर 2015 में इसपर रोक लगा दी गई थी. चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष दीनदयाल वर्णवाल ने सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह सरकार जनता पर एक के बाद एक कर लगाकर परेशान कर रही है.जो होल्डिंग टैक्स पांच वर्ष के बाद बढ़ाने का प्रावधान था उसे 2 वर्ष में ही बढ़ाकर सरकार ने मुश्किल बढ़ा दी है. इन सबके पीछे अधिकारियों के मनमाने निर्णय हैं.
चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष दीनदयाल वर्णवाल ने कहा कि झारखंड सरकार की नीतियों से कारण व्यवसायी से लेकर आम लोग तक त्रस्त हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के हालात ऐसे हो गए हैं कि युवा वर्ग व्यवसाय करना नहीं चाह रहा है.चैम्बर के पूर्व अध्यक्ष कुणाल आजमानी ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यहां जो भी व्यवसाय कर लेगा वो दक्षिण अफ्रीका और नाइजीरिया में भी बिजनेस कर लेगा. वर्णवाल का कहना है कि व्यापारी टैक्स देने के खिलाफ नहीं है, लेकिन सरकार जो व्यवस्था लाई है उससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा. हम उसी के खिलाफ हैं. चैंबर ने ये भी कहा कि हम टैक्स के खिलाफ होते तो पिछले साल के 90 हजार करोड़ के मुकाबले डेढ़ लाख करोड़ जीएसटी कलेक्ट कर नहीं देते.
बिजली व्यवस्था ऐसी रही तो बंद हो जाएंगे उद्योग धंधे-JSIA:बिजली की वर्तमान स्थिति पर झारखंड स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने चिंता जताई है. एसोसिएशन ने सरकार को चेताया है कि बिजली व्यवस्था में सुधार नहीं आया तो राज्य में उद्योग धंधे बंद हो जाएंगे. झारखंड स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष फिलीप मैथ्यू ने चैम्बर भवन में मीडियाकर्मियों से कहा कि बिजली की किल्लत पूरे देश में है. झारखंड की बात करें तो करीब 15% बिजली की कटौती की जा रही है. उन्होंने कहा कि बिजली की कटौती समयबद्ध तरीके से होनी चाहिए, जिससे मशीनों के रखरखाव में सहूलियत हो मगर बगैर किसी सूचना के बिजली घंटों गुल रहती है जिसके कारण घरेलू उपभोक्ताओं के साथ साथ उद्योग चलाने वालों को भी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.
शेड्यूल तय होना चाहिए.झारखंड स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष फिलीप मैथ्यू ने कहा कि झारखंड में सिर्फ 15 फीसदी बिजली मांग से कम है, लेकिन अफसरों की मनमानी से सब व्यवस्था चौपट हो जा रही है. हर पांच दस मिनट बाद कटौती से काम नहीं होता. व्यापारी सरकार के साथ हैं लेकिन अगर कटौती करनी है तो पहले से अफसर शेड्यूल बता दें और उसी हिसाब से कटौती करें. इससे कटौती के टाइम में मशीनों के रखरखाव का काम कर सकेगा.