रांचीः झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स ने कृषि बाजार शुल्क के विरोध में चल रहे हड़ताल को खत्म कर दिया है. चेंबर कार्यालय में शनिवार देर शाम प्रेसवार्ता में इसकी घोषणा की गई. चेंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि कृषि मंत्री बादल पत्रलेख और मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे के साथ हुई सकारात्मक वार्ता के बाद व्यापारियों ने हड़ताल समाप्त किया है.
Strike Over: कृषि बाजार शुल्क के खिलाफ व्यवसायियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल खत्म, झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स ने की घोषणा
झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स ने पिछले चार दिनों से कृषि बाजार शुल्क के विरोध में चल रहे हड़ताल को खत्म करने की घोषणा की है. शनिवार देर शाम इसकी घोषणा की गई.
बता दें कि व्यापारियों के द्वारा जारी हड़ताल की वजह से राज्य में उहापोह की स्थिति हो गई थी. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री आवास पर शनिवार को बैठक हुई थी. जिसके बाद झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स की बैठक हुई है. जिसमें हड़ताल खत्म करने के फैसले पर सहमति बनी. चेंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि हमने सरकार के समक्ष इस विधेयक को लेकर विस्तार से बातें रखी हैं. जिसमें मुख्य चिंता इस बात पर व्यक्त की गई कि विधेयक के लागू होने से झारखंड में विकसित हो रहे कृषि कार्य, कृषि आधारित उद्योग एवं व्यापार प्रभावित होंगे. इसके अलावे इस विधेयक के लागू होने के बाद भ्रष्टाचार का बोलबाला हो जाएगा. उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान चेंबर के प्रतिनिधिमंडल ने सरकार से कृषि बाजार शुल्क शून्य करने की मांग की है. जिस पर कृषि मंत्री के द्वारा यह आश्वासन दिया गया है कि चेंबर की मांगों पर सरकार विचार करेगी. नियमावली बनाते वक्त चेंबर की सहमति सरकार के द्वारा ली जाएगी और राइस मिल्स और इससे जुड़े कारोबारियों पर कोई विपरीत प्रभाव ना पड़े इसका ध्यान रखा जाएगा.
झामुमो-कांग्रेस शिष्टमंडल ने भी की थी पहलःसीएम आवास पर हुई बैठक से पूर्व झामुमो-कांग्रेस के एक शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री से मिलकर हड़ताल समाप्त कराने का आग्रह किया था. तत्पश्चात कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री के सचिव के साथ चेंबर की बैठक हुई. वार्ता के उपरांत चेंबर भवन में झारखंड चेंबर द्वारा खाद्यान्न व्यापारियों के साथ बैठक की गई. कृषि मंत्री से आश्वासन मिलने के बाद आंदोलन को स्थगित करने की सहमति दी गई.
बैठक के बीच में ही कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष कुमार राजा ने उपस्थित होकर झारखंड चेंबर से इस आंदोलन को स्थगित करने के लिए कृषि मंत्री की ओर से आभार जताया. इधर महगामा विधायिका दीपिका पांडे सिंह ने भी चेंबर पदाधिकारियों को फोन करके, आंदोलन स्थगित करने का आग्रह किया. उन्होंने भी वादा किया कि कृषि शुल्क को शून्य कराने में वे झारखंड चेंबर का सहयोग करेंगी. देर शाम वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पूरे प्रदेश के व्यावसायिक संगठन, जिला चेंबर ऑफ काॅमर्स, खाद्यान्न व्यवसायियों तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से जुडे़ व्यापारियों के साथ कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री के सचिव के अनुरोध पर चर्चा की गई. बैठक के उपरांत सर्वसम्मति से राज्यव्यापी खाद्यान्न व्यापार अनिश्चितकालीन बंद करने के निर्णय को स्थगित करने पर सहमति बनी.