झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

मशीन बनाने वाले HEC के इंजीनियरों ने थामी मशाल, जानिए क्या है पूरा मामला

हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन (Heavy Engineering Corporation) के इंजीनियर एचईसी परिसर में हाथों में मशाल थामकर जुलूस के साथ प्रदर्शन कर रहें हैं (HEC engineers Torchlight procession). उनका कहना है कि मांग पूरी न होने तक वो प्रदर्शन करते रहेंगे.

HEC engineers Torchlight procession
HEC engineers Torchlight procession

By

Published : Dec 2, 2022, 9:16 AM IST

रांची: कभी विश्व प्रसिद्ध रही एचईसी (हैवी इंजीनिरिंग कॉर्पोरेशन) में एक से बढ़कर एक मशीन बनाने वाले इंजीनियरों को मशाल थामना पड़ गया. उन्होंने एचईसी परिसर में अलग- अलग समूह में मशाल जुलूस के साथ प्रदर्शन (HEC engineers Torchlight procession) किया.

यह भी पढ़ें:HEC में इंजीनियरों की हड़ताल जारी रहेगी, प्रभारी सीएमडी के साथ वार्ता विफल

13 महीने से नहीं मिला है वेतन: एचईसी (Heavy Engineering Corporation) के इंजीनियरों और अधिकारियों को लगभग 13 महीने से वेतन नहीं मिला है. ऐसे में एचईसी मुख्यालय में कंपनी के अधिकारियों और इंजीनियरों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन जारी रखा और उन्होंने जगह जगह मशाल जुलूस निकाला.

देखें वीडियो
HEC के CMD के साथ वार्ता बेनतीजा: 30 नवंबर को एचईसी के कार्यवाहक सीएमडी नलिन सिंहल की आंदोलित अधिकारियों और इंजीनियरों से वार्ता बेनतीजा समाप्त हो गई. आंदोलित इंजीनियरों का कहना है कि बकाया वेतन का भुगतान और कंपनी के भविष्य पर कार्यकारी CMD का न कोई विजन सामने आया और न ही कोई जवाब, जिस वजह से तीन दिवसीय मशाल जुलूस के साथ प्रदर्शन का फैसला लिया गया.


तीन दिनों तक मशाल जुलूस: तीन दिनों तक एचईसी परिसर में विभिन्न जगहों पर मशाल जुलूस निकालना जारी रहेगा. प्रबंधन का पुतला दहन किया जायेगा. मशाल जुलूस में प्रबंधन का पुतला भी फूंका गया. सरकार की 'मेक इन इंडिया' का 'वोकल फॉर लोकल' का नारा हो या रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना हो, या देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी का सपना हो. ये सभी सपने और उद्देश्य ऐसे महत्वपूर्ण कल-कारख़ानों को गर्त में छोड़कर कभी साकार नही हो सकते हैं. ये सब सरकारी वादे और सपने सिर्फ सरकारी फाइलों और राजनीतिक भाषणों तक ही सीमित रह जाएंगे.

कंपनी में 3500 कर्मचारी हैं: HEC में तीन इकाई समाहित हैं, एचएमबीपी, एचएमटीपी और एफएफपी नाम से तीन प्लांट हैं. तीनों प्लांट में अधिकारियों और कर्मचारियों की कुल संख्या लगभग 3500 है. जिसमें लगभग 400 की संख्या इंजीनियरों की है. कर्मचारी हर दिन प्लांट आ रहे हैं, हाजिरी बना रहे हैं लेकिन कच्चा माल के अभाव में प्रोडक्शन ठप पड़ा है.

कर्मचारियों और अधिकारियों का आरोप है कि इसको लेकर केंद्र सरकार ने उदासीन रवैया अपना रखा है. दिन- ब- दिन अधिकारियों और कर्मचारियों की परेशानियां बढ़ती जा रही है. इस बारे में प्रबंधन से जुड़े लोगों से बात करने की कोशिश की गई. लेकिन किसी ने फोन रिसीव नहीं किया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details