रांची:जिस तरह हर साल पर्यावरण बचाने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस, जल के लिए विश्व जल दिवस मनाया जाता है, ठीक उसी तरह हर साल 16 जुलाई को विश्व सांप दिवस मनाया जाता है. सांप दिवस मनाने की शुरूआत 1967 में अमेरिका के टेक्सास से हुई थी. सांपों को लेकर लोगों को कई तरह के भ्रम थे. सांपों के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए इसकी पहल की गई. धीरे-धीरे लोग सांपों के बारे में जानने लगे. विश्व सांप दिवस के मौके पर हम आपको दुनिया के 10 सबसे खतरनाक सांपों के बारे में बता रहे हैं.
ईटीवी भारत ने विश्व सांप दिवस के अवसर पर कुछ सर्प विशेषज्ञों से बात की. झारखंड के जमशेदपुर की रहने वाली स्नैक कैचर रजनी और छत्तीसगढ़ के एक्सपर्ट साजिद खान ने बताया कि दुनियाभर में करीब साढ़े तीन हजार प्रजाति के सांप पाए जाते हैं लेकिन ये सभी जहरीले नहीं होते हैं.
1. इनलैंड ताइपान(Inland Taipan Snake)
इनलैंड ताइपान दुनिया का सबसे जहरीला सांप है और यह ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है. इसके डंक में इतना जहर होता है कि एक डंक से 100 इंसान और ढाई लाख चूहे मर सकते हैं. यह एक बार में 100 मिलीग्राम तक जहर छोड़ सकता है. विशेषज्ञों के मुताबिक यह भारतीय कोबरा से 50 गुना ज्यादा और रैटल स्नेक से 800 गुना ज्यादा जहरीला होता है. यह सांप एक घोड़े को काट ले तो 5 मिनट के अंदर उसकी मौत हो जाती है. किसी आदमी को काट ले और उसे तुरंत इलाज नहीं मिला तो 20 मिनट के अंदर इंसान की मौत हो जाती है.
इनलैंड ताइपान में जो जहर पाया जाता है उसे न्यूरोटॉक्सिन(Neurotoxin) कहते हैं. इसका जहर इंसानों में इंजेक्ट होते ही नर्वस सिस्टम पर असर डालता है. न्यूरोटॉक्सिन शरीर के न्यूरोट्रांसमीटर को ब्रेक कर देता है. न्यूरोट्रांसमीटर ब्रेक करने का मतलब यह कि शरीर को काम करने का सिग्नल नहीं मिलता. शरीर कोई काम नहीं करेगा तो स्वभाविक है कि इंसान की मौत हो जाएगी. चूंकि न्यूरोटॉक्सिन कई सांपों में पाया जाता है लेकिन यह जहर की क्षमता पर निर्भर है वह कितनी तेजी से न्यूरोट्रांसमीटर ब्रेक करता है.
2. बेलचर सी-स्नेक (Belcher Sea Snake)
बेलचर सी-स्नेक समुद्री सांप है. यह हिंद और प्रशांत महासागर में पाया जाता है. यह इंसानों के लिए ज्यादा खतरनाक नहीं है क्योंकि इस सांप के काटने की घटना शायद ही कभी होती है. लेकिन, इस सांप का जहर काफी खतरनाक है और यह एक बार में 100 आदमी को मारने की क्षमता रखता है.
दूसरे सांपों की तुलना में इस सांप का जहर थोड़ा दूसरे तरीके से असर करता है. इसका जहर 20 मिनट से लेकर 8 घंटे तक में अपना असर दिखाता है. इसके जहर से मांसपेशियों में दर्द शुरू हो जाता है. इंसान को कमजोरी होने लगती है और जीभ का रंग बदलने लगता है. इंसान तड़पने लगता है और तड़प-तड़पकर उसकी मौत हो जाती है.
3. ईस्टर्न ब्राउन स्नेक (Eastern Brown Snake)
यह सांप पूर्वी और मध्य ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है. इसके बार में यह कहा जाता है कि इसका मूवमेंट काफी तेज और आक्रामक होता है. यह एक बार में इतना जहर निकालता है कि 100 से ज्यादा आदमी या ढाई लाख से ज्यादा चूहे की मौत हो सकती है. इसके बारे में यह भी कहा जाता है कि इस सांप के काटने के बाद ज्यादा दर्द नहीं होता. ये ऑस्ट्रेलिया का सबसे जहरीला सांप है और कई बार यह घर में भी घुस आता है. ऑस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा मौत इस सांप के काटने से होती है.
4. ब्लू करैत (Blue Karait)
यह करैत की एक प्रजाति है. वैसे तो सभी करैत जहरीला होता है, लेकिन इसमें ब्लू करैत सबसे ज्यादा जहरीला है. ब्लू करैत सिर्फ एशिया में पाया जाता है. करैत की कई प्रजाति झारखंड में भी पाई जाती है. इसमें प्रमुख है कॉमन करैत और बैंडेड करैत. जमशेदपुर की स्नेक केचर रजनी बताती हैं कि करैत ज्यादातर रात में ही बाहर निकलता है.
करैत को इंसानों के शरीर की गर्मी बहुत पसंद है. गांवों में जो लोग जमीन पर सोते हैं, यह सांप उनसे लिपट जाता है. जब इंसान कोई मूवमेंट करता है तो इसे खतरा महसूस होता है और यह काट लेता है. इस सांप को साइलेंट किलर भी कहा जाता है क्योंकि इसके काटने पर कई बार इंसान को पता भी नहीं चलता और सोने के दौरान ही उसकी मौत हो जाती है. करैत के मामले में ज्यादातर कॉमन करैत के काटने की घटनाएं ही होती है. बैंडेड करैत इससे ज्यादा खतरनाक है. ब्लू करैत कोबरा से 16 गुना ज्यादा जहरीला होता है. भारत में करैत के काटने के मामले में 70-80% लोगों की मौत हो जाती है. इसमें भी इनलैंड ताइपान की तरह न्यूरोटॉक्सिन(Neurotoxin) होता है जो नर्वस सिस्टम ब्रेक कर देता है.
5. ताइपान सांप (Taipan Snake)
ऑस्ट्रेलिया में पाया जाने वाला ताइपान स्नेक सबसे जहरीले सांपों में से एक है. यह औसतन 5.5 से लेकर 6 फीट तक लंबा होता है. कुछ सांप तो 10 फीट तक भी लंबे होते हैं. यह एक बार में जितना जहर छोड़ता है उससे 10 आदमी या 50 हजार चूहे एक बार में मर सकते हैं. यह फिलिपिन कोबरा से 50 गुना ज्यादा जहरीला होता है. समय पर इलाज नहीं मिला तो 45 मिनट के अंदर जान चली जाती है. इसके काटने के बाद लगातार खून बहता रहता है और इससे इंसान की मौत हो जाती है. इसमें भी इनलैंड ताइपान की तरह न्यूरोटॉक्सिन(Neurotoxin) होता है.