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TOP10@3PM: रघुवर सरकार के पांच मंत्रियों के खिलाफ होगी एसीबी जांच, सीएम हेमंत सोरेन ने दी मंजूरी, जानें अब तक की 10 बड़ी खबरें - टॉप टेन न्यूज रांची

रघुवर सरकार के पांच मंत्रियों के खिलाफ होगी एसीबी जांच, सीएम हेमंत सोरेन ने दी मंजूरी, झारखंड के विकास का लक्ष्य साधने में अचूक हैं ये 'अर्जुन', सबसे कम उम्र में बने थे मुख्यमंत्री,थोक मुद्रास्फीति अक्टूबर में घटकर 8.39 प्रतिशत पर, 19 माह का निचला स्तर,...ऐसी तमाम खबरों के लिए पढ़ें TOP10@3PM.

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टॉप टेन न्यूज झारखंड

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Published : Nov 14, 2022, 3:01 PM IST

  • रघुवर सरकार के पांच मंत्रियों के खिलाफ होगी एसीबी जांच, सीएम हेमंत सोरेन ने दी मंजूरी

रघुवर सरकार के पांच मंत्रियों के खिलाफ एसीबी जांच करेगी. सीएम हेमंत सोरेन ने जांच की अनुमति दे दी है.

  • झारखंड के विकास का लक्ष्य साधने में अचूक हैं ये 'अर्जुन', सबसे कम उम्र में बने थे मुख्यमंत्री

अर्जुन मुंडा झारखंड के ऐसे शख्सियत हैं, जिन्हें राज्य में सबसे कम उम्र में मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला. वे झारखंड की राजनीति में बड़े कद्दावर माने जाते हैं. राज्य में आदिवासियों के कल्याण की जिम्मेदारी संभालते-संभालते अब वे केंद्र में जनजातीय मामलों के मंत्रालय को संभाल रहे हैं. वक्त के साथ उनके कार्य क्षेत्र का दायरा भी बढ़ता जा रहा है. राज्य की राजनीति से निकलकर अब वे केंद्र की सियासत में ज्यादा सक्रिय हैं. अब झारखंड स्थापना के 22 साल हो गए हैं (Jharkhand Foundation Day 2022). आइए जानते हैं इन 22 सालों में अर्जुन मुंडा झारखंड में क्या स्थान रखते हैं (About Arjun Munda).

  • थोक मुद्रास्फीति अक्टूबर में घटकर 8.39 प्रतिशत पर, 19 माह का निचला स्तर

थोक मूल्य मुद्रास्फीति अक्टूबर में घटकर 8.39 प्रतिशत रही, जो सितंबर में 10.7 प्रतिशत थी.

  • संघर्ष ने बनाया आम इंसान को दिशोम गुरु, शिबू सोरेन के बिना झारखंड की चर्चा अधूरी

दिशोम गुरु शिबू सोरेन (Dishom Guru Shibu Soren) के जिक्र के बिना झारखंड की चर्चा पूरी नहीं हो सकती. शिबू सोरेन को आदिवासियों के बड़े नेता के रूप में जाना जाता है. उन्होंने पहले सूदखोरी और शराबबंदी के खिलाफ अभियान चलाया, फिर झारखंड को अगल राज्य बनाने की लंबी लड़ाई लड़ी. गुरुजी राज्य में तीन बार मुख्यमंत्री बने. उन्होंने केंद्र में मंत्रालय भी संभाला. फिलहाल वो राज्यसभा के सदस्य हैं और राज्य में चल रही महागठबंधन सरकार की ओर से बनाई गई समन्वय समिति के अध्यक्ष भी हैं. झारखंड स्थापना के 22 साल हो गए हैं (Jharkhand Foundation Day 2022). आइए इस अवसर पर जानते हैं कि झारखंड गठन से लेकर अब तक गुरु जी का सफर कैसा रहा?

  • जम्मू कश्मीर के सांबा में पाकिस्तानी गुब्बारा मिला

जम्मू कश्मीर के सांबा में पाकिस्तानी गुब्बारा देखा गया. गुब्बारे पर 'बीएचएन' लिखा हुआ था.

  • झारखंड स्ठापना दिवस समारोह में शामिल नहीं होंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, जानें नया शेड्यूल

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के झारखंड दौरे (President Draupadi Murmu Jharkhand visit) के कार्यक्रम में बदलाव हुआ है. उलिहातू दौरे को छोड़कर उनके सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है. राष्ट्रपति राज्य के स्थापना दिवस समारोह में भी भाग नहीं लेंगी.

  • 1932 का खतियान लागू कहां किया, इस सरकार में तो हिम्मत ही नहीं है ना- निशिकांत दुबे

झारखंड में 1932 खतियान पर गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे का बयान सामने (Nishikant Dubey Statement over 1932 Khatiyan) आया. इसको लेकर सांसद ने हेमंत सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि देश को तोड़ने वाली शक्तियां 1932 खतियान की बात करती है. इसके साथ ही ओबीसी आरक्षण लागू होने पर आदिवासी के आरक्षण का हिस्सा घट जाएगा.

  • सिमडेगा में हॉकी स्टेडियम निर्माण में भ्रष्टाचार मामले में जांच पूरी, डीसी के पास पहुंची रिपोर्ट

सिमडेगा में हॉकी स्टेडियम निर्माण में भ्रष्टाचार हो रहा है. इसको लेकर ईटीवी भारत लगातार खबर प्रकाशित कर रहा है. निर्माण में भ्रष्टाचार मामले की जांच अब पूरी हो चुकी है और रिपोर्ट डीसी के पास पहुंच चुकी (corruption case of hockey stadium construction in Simdega) है.

  • विधायक इरफान अंसारी करीब 3 माह बाद पहुंचे जामताड़ा, कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ों के साथ किया स्वागत

कोलकाता कैश कांड (Kolkata cash scandal) में फंसे जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी जामताड़ा पहुंचे (MLA Irfan Ansari reached Jamtara). कोलकाता हाई कोर्ट से रेगुलर जमानत मिलने के बाद लगभग तीन महीने के बाद वो अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता से मिले. रविवार को यहां पहुंचने पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने विधायक इरफान अंसारी का स्वागत किया.

  • 'नेहरू के संघर्ष व्यक्तिगत हितों के लिए नहीं, बल्कि विचारों पर थे'

नेहरू के व्यक्तित्व ने उनकी राजनीति को बहुत प्रभावित किया. कड़ी मेहनत, आकर्षण, आदर्शवाद, चिड़चिड़ापन और अक्सर गुस्से का प्रकोप, नेहरू के पूर्वाग्रह, उनकी पसंद और नापसंद का उनके समकालीनों के साथ उनके संबंधों और उनके विचारों के साथ जुड़ाव पर बहुत प्रभाव पड़ा. नेहरू का राजनीतिक जीवन न केवल उनकी दृष्टि में, बल्कि व्यावहारिक राजनीति और उनके द्वारा साझा किए गए व्यक्तिगत संबंधों की जरुरतों में भी निहित था.

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