- राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी नलिनी श्रीहरन व दो अन्य हुए जेल से रिहा
पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या के छह दोषियों में से नलिनी श्रीहरन और दो अन्य आज (शनिवार) जेल से रिहा हो गए हैं.
- 80 के दशक में शुरू हुआ नक्सलवाद अब झारखंड में तोड़ रहा दम, दो वर्षों में सबसे ज्यादा हुआ नुकसान
झारखंड में नक्सलवाद (Naxalism in Jharkhand) की लौ आहिस्ता आहिस्ता मध्यम होते जा रही है. झारखंड पुलिस की आक्रमक रणनीति की वजह से झारखंड का सबसे बड़ा नक्सल संगठन भाकपा माओवादी भी बैकफुट पर है. खासकर पिछले दो सालों के दौरान झारखंड पुलिस ने माओवादियों को हर मोर्चे पर शिकस्त दी है. लेकिन आज से 22 साल पहले जब झारखंड का निर्माण हुआ था, उस समय परिस्थिति बिल्कुल उलट थी. साल 2000 से लेकर 2017 तक नक्सलियों ने झारखंड के सीने पर कई गहरे जख्म दिए हैं. इस क्रम में 300 से ज्यादा पुलिस वालों को अपनी शहादत देनी पड़ी, जिनमें दो आईपीएस भी शामिल थे.
- पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बासुकीनाथ से की आसुरी शक्ति के नाश के लिए प्रार्थना, लगने लगी अटकल
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास दो दिवसीय दौरे पर दुमका पहुंचे (Former CM Raghuvar Das Dumka Visit) हैं. भाजपा के दो दिवसीय कार्यक्रम में शामिल होने आए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने शनिवार को बासुकीनाथ धाम में पूजा अर्चना की और बाबा से आसुरी शक्ति के नाश के लिए प्रार्थना की. यह बात जैसे ही मीडिया में आई आसुरी शक्ति को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया.
- कोल्हान में झामुमो को लगेगा झटका! 1932 आधारित स्थानीयता विधेयक से लोग नाराज, पूर्व सीएम मधु कोड़ा से बेबाक बातचीत
झारखंड विधानसभा से पारित स्थानीयता संबंधी विधेयक में स्पष्ट है कि उसी को स्थानीय माना जाएगा जिसके पूर्वजों का नाम 1932 या उससे पूर्व के सर्वेक्षण/खतियान में दर्ज होगा(1932 Khatiyan Based Domicile Policy Jharkhand ). हालांकि खतियान में नाम नहीं रहने पर ग्राम सभा को भी पहचान सुनिश्चित करने का अधिकार दिया गया है. लेकिन झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं. ईटीवी भारत को दिए एक्सक्लुसिव इंटरव्यू में पूर्व मुख्यमंत्री (Former CM Madhu Koda Exclusive Interview) और कोल्हान क्षेत्र के वरिष्ठ नेता मधु कोड़ा का कहना है कि यह विधेयक आधा अधूरा है. इस विधेयक से कोल्हान प्रमंडल के तीनों जिलों पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसांवा के लोग प्रभावित होंगे. उनकी दलील है कि इस प्रमंडल में पहला सर्वे सेटलमेंट 1914-1919 तक फिर रीविजन सेटलमेंट 1964 में हुआ. जाहिर है कि जब कोल्हान के लोगों से 1932 का खतियान मांगा जाएगा तो नहीं दे पाएंगे. रही बात ग्रामसभा की तो बिल में इसके अधिकार को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं है. नगर परिषद क्षेत्र में किसको ग्राम सभा माना जाएगा. शेड्यूल एरिया और नॉन शेड्यूल एरिया में किसको ग्राम सभा माना जाएगा. इस बाबत नियमावली बनाने वाली बात बेमानी है.
- Road Accindent in Ranchi: तुपुदाना रिंग रोड पर बस और ट्रक में भीषण टक्कर, तीन की मौत, 35 घायल
रांची में बस और ट्रक में भीषण टक्कर से बड़ा सड़क हादसा हुआ है. जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि 35 लोग घायल हुए हैं, सभी घायलों को फौरन इलाज के लिए अस्पताल भेजा रहा है.
- क्लाइमेट चेंज से बिगड़ रहा झारखंड का मिजाज, सर्वाधिक संवेदनशील राज्यों की सूची में शामिल