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झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के तीन प्रदेश सचिव ने दिया इस्तीफा, निशाने पर प्रदेश प्रभारी

नवगठित झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी (Jharkhand Pradesh Congress Committee) की सूची में 200 पार्टी पदाधिकारियों के नाम जारी किए गए. इसमें से तीन प्रदेश सचिवों ने इस्तीफा (state secretaries resign from Congress Committee) दे दिया है. साथ ही वर्तमान प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

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Published : Dec 11, 2022, 8:28 PM IST

रांची: 10 दिसम्बर को लगभग छह वर्ष बाद झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी (Jharkhand Pradesh Congress Committee) का गठन करते हुए लगभग 200 पार्टी पदाधिकारियों के नाम की सूची जारी की गई. इस सूची के जारी होते ही झारखंड कांग्रेस के वैसे नेता जिन्हें इसमें जगह नहीं मिली वो नाराज हैं. जिन्हें प्रदेश कमिटी में जगह मिली उनमें से तीन प्रदेश सचिव अभी तक इस्तीफा (state secretaries resign from Congress Committee) दे चुके हैं.


यह भी पढ़ें:विवादों में झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी: प्रदेश नेतृत्व को भ्रष्ट बता मयूर शेखर झा ने सचिव बनने से किया इनकार

तीन प्रदेश सचिव ने दिया इस्तीफा: मिली जानकारी के अनुसार नए प्रदेश कांग्रेस कमिटी में सचिव बनाये गए बोकारो के साधुशरण यादव, धनबाद के कर मयूर शेखर झा और रांची के सुनील सिंह ने इस्तीफा दे दिया, साथ ही वर्तमान प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मयूर शेखर झा ने जहां प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को राजनीतिक रूप से भ्रष्ट करार देते हुए सोशल मीडिया ट्वीटर पर ही पद लेने से इंकार कर दिया, तो साधुशरण यादव और सुनील सिंह ने भी कई आरोप लगाते हुए प्रदेश सचिव बनने से इनकार कर दिया. उन्होंने अपना इस्तीफा आला कमान को भेज दिया है. सुनील सिंह ने कहा कि आज इस्तीफा मेल कर दिया है और कल वह पार्टी के प्रदेश कार्यालय जाकर केंद्रीय सचिव से इस्तीफा देने का पत्र कार्यालय सचिव को सौंप देंगे.

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नई प्रदेश कांग्रेस कमिटी में प्रदेश सचिव बनाये गए सुनील सिंह ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि प्रदेश प्रभारी झारखंड कांग्रेस संगठन में जातिवाद को बढ़ावा दे रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष के साथ मिलकर वह 2024 में झारखंड में कांग्रेस को जीरो पर बोल्ड करना चाहते हैं. उदयपुर घोषणापत्र को ताक पर रख दिया गया है. सुनील सिंह ने कहा कि जिसका कोई जनाधार नहीं है. जिसने कांग्रेस के खिलाफ काम किया. उन सबको पुरस्कृत किया जा रहा है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय का एक अलग लिस्ट है, जो उनके पेड वर्कर हैं. उन्हें भी संगठन में महत्वपूर्ण जगह मिल गयी और उनके जैसे कई नेता हैं. जिन्होंने 32 वर्ष से लगातार कांग्रेस को सींचा है, कांग्रेस के लिए लाठियां खाई है. उन्हें जन लोगों के अंदर में काम करना पड़ेगा. जो दलबदलू है, कांग्रेस के विचारधारा के विरोधी है, ऐसे में उन्होंने अपना इस्तीफा मेल कर दिया है और कल पार्टी कार्यालय जाकर भी इस्तीफा दे देंगे. सुनील सिंह ने कहा कि वह कांग्रेस में बने रहेंगे क्योंकि यह पार्टी प्रदेश प्रभारी-प्रदेश अध्यक्ष या सुबोधकांत सहाय की नहीं है.

वहीं नई कमिटी बनने के बाद विरोध के स्वर तेज होने और 03 नए प्रदेश सचिव द्वारा इस्तीफा दिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने नई प्रदेश कांग्रेस कमिटी को पूरी तरह संतुलित बताया. कहा कि छह वर्ष बाद यह कमिटी बनी है.ऐसे में सभी का एक्सपेक्टेशन कुछ ज्यादा का है. उन्होंने कहा कि चूंकि मैं कार्यकर्ता से प्रदेश अध्यक्ष बना हूं. ऐसे में सभी कार्यकर्ताओं को उम्मीद रहती है कि वह या तो जिलाध्यक्ष बनें या प्रदेश कमिटी में रहें.

ऐसे में हमने कोशिश की है कि सभी को साथ मे लेकर चलें, सबको काम करने का मौका दिया है, जिन लोगों को अभी मौका नहीं मिला है उन्हें भी नाराज या हताश होने की जरूरत नहीं है क्योंकि अभी कई जगह है. चाहे वह बोर्ड निगम हो, सरकारी नियुक्तियां हो या पार्टी के अनुषंगी इकाइयां हो. वहां भी पार्टी नेताओं को ही जगह मिलेगा, ऐसे में विरोध या नाराजगी की जगह सभी को मिलकर संगठन को मजबूत करने के काम में जुट जाना चाहिए.

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