रांचीः जिला के बेड़ो प्रखंड के रोगाडीह पतरा टोली गांव में तीन मतांतरित परिवार के सदस्यों की ईसाई धर्म से मूल आदिवासी धर्म (सरना) में वापसी हुई है. आदिवासी सत्य प्रकृति सरना धर्म प्रार्थना सभा के द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में पहान ओगा उरांव व पुजार पौडे उरांव के द्वारा विधि पूर्वक सरना रीति रिवाज से पूजा अर्चना कर शुद्धिकरण कर पूरे मान सम्मान, चरण धोकर व अंग वस्त्र देकर घर वापसी कराई गयी.
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मां-बेटी की हुई घर वापसीःरोगाडीह पतराटोली में बुधवार को मां बेटी की सरना धर्म में वापसी हुई, उन्होंने ईसाई धर्म छोड़ अपने मूल धर्म में स्वेच्छा से लौटी हैं. अपने धर्म में वापस लौटने के बाद मां-बेटी ने कहा कि वो दूसरों की बातों में आकर भ्रमित हो गई थीं, अब अपना धर्म छोड़ कर कभी दूसरे धर्म में नहीं जाएंगी. मां सोमरी उराईन बेटी रेणुका कुमारी व सोनी कुमारी ने चार वर्ष पहले पिता के मृत्यु होने के बाद सरना धर्म छोड़ ईसाई धर्म अपना लिया था. वहीं मां बेटी तीनों ने स्वेच्छा से अपने धर्म में वापसी की इच्छा जताई. उन्होंने कहा कि अब अपने सरना में ही जीवन व्यतीत करेंगी, तीनों ने ग्रामीणों से सहयोग करने की अपील भी की है.
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. रंथू उरांव ने कहा है कि जो भी परिवार जाने अनजाने में अपने मूल धर्म को त्याग कर दूसरे धर्म में चले गए हैं. वैसे लोग स्वेच्छा से घर वापसी होना चाहते हैं उन्हें पूरे मान सम्मान के साथ घर वापसी कराया जाएगा. वहीं समाज सेवी चितरंजन उरांव ने कहा कि जो अपने मूल धर्म को छोड़कर दूसरे धर्म में चले गए हैं. उन लोगों को अपने मूल धर्म में लाने का प्रयास कर रहे हैं. इस कार्यक्रम में उपमुखिया जितिया उरांव, हिसिया उरांव, करमचंद कुजुर, मोरहा उरांव, बीरेंद्र कच्छप, दशमी उरांव, लक्ष्मी उरांव, सन्मति उरांव, मुनि उरांव, बरसो उरांव, पुतुल उरांव सहित भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे.