रांची: डेली मार्केट थाना क्षेत्र के विष्णु गली में 21 अक्टूबर को हुई गोलीबारी कांड (Ranchi Daily Market Shooting Case) में शामिल तीन अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार अपराधियों ने पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा किया है. दरअसल, अपराधियों ने एक षड्यंत्र के तहत पैसे डबल करने का लालच देकर प्लाई कारोबारी के पैसे लूटने की योजना बनाई थी. जब वे लूट में असफल हो गए तब उन्होंने कारोबारी को गोली मार कर घायल कर दिया और फरार हो गए.
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अमन है मास्टरमाइंड:रांची के एसएसपी किशोर कौशल (SSP Kishor Kaushal) ने बताया कि इस पूरी साजिश को 8 अपराधियों ने मिलकर रचा था. जिनमें से 3 गिरफ्तारी पुलिस ने कर ली है. दरअसल, इस पूरी घटना का मास्टरमाइंड अमन उर्फ गुड्डू नाम का अपराधी है. अपराधी अमन और मंगलम प्लाईवुड दुकान के मालिक संजय चौधरी एक दूसरे को दो सालों से जानते थे. बातचीत के क्रम में ही अमन ने संजय चौधरी को बताया कि उसके पास पैसे डबल करने का एक बहुत ही बेहतरीन मौका है. संजय चौधरी अमन के झांसे में आ गए लेकिन उस वक्त उनके पास पैसे नहीं थे. ऐसे में उन्होंने अपने मित्र प्लाईवुड कारोबारी सौरभ साबू से पैसे डबल करने की बात बताई.
सौरभ भी संजय की बातों में आ गए और अपने घर से 13 लाख रुपए लेकर संजय चौधरी के विष्णु काली स्थित दुकान में आ गए. थोड़ी देर बाद मौके पर अमन भी आ गया, अमन ने आते ही सबसे पहले पैसे चेक किए और कहा कि उनके अकाउंट में आरटीजीएस के जरिए 26 लाख रुपये आ जाएंगे. इसके बाद अमन ने अपने अपराधी दोस्तों को दुकान में पैसे आ जाने की सूचना दे दी. जिसके बाद उसके दो साथी दुकान के अंदर पहुंचे और हथियार के बल पर 13 लाख रुपए लूटने लगे. हालांकि दोनों कारोबारियों ने अपराधियों का विरोध कर दिया जिसकी वजह से उन्हें भागना पड़ा. भागते वक्त उन्होंने गोली चलाई जो सौरव साबू के अंगुली को चीरते हुए निकल गई. इससे पहले दो बार डराने के लिए भी हवाई फायरिंग अपराधियों के द्वारा की गई थी.
246 करोड़ दिखाया था खाते में:गिरफ्तार अमन एक फर्जी अकाउंट के जरिए संजय चौधरी को 246 करोड़ रुपए अपने खाते में दिखाए थे. उसने संजय चौधरी को यह भरोसा दिला दिया था कि उसके पास काफी ब्लैक मनी है, जिसे वाइट करने के लिए वह लोगों को दुगने पैसे बांट रहा है. लेकिन उसकी योजना पैसे लूटने की ही थी.
कौन कौन हुआ गिरफ्तार:कांड के उद्भेदन के लिए सीनियर एसपी किशोर कौशल ने सिटी एसपी अंशुमान कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया था. जांच के दौरान टीम ने सबसे पहले चंदन दास को दबोचा उसके बाद कोलकाता से अमन कुमार और फिर अब्दुल नबी को गिरफ्तार किया. इस मामले में पुलिस को अभी भी गणेश सिंह, प्रेम पासवान, बिट्टू उर्फ हनी, आबिद खान और पवन पासवान की तलाश है.