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वन विभाग में कार्यरत हजारों कर्मचारी धरने पर, नई बहाली से हैं नाराज - जलवायु परिवर्तन विभाग

मोटर वाहन चालक संघ और वन विभाग के कंप्यूटर ऑपरेटर संघ के कर्मचारी नये लोगों की बहाली से नाराज होकर वन विभाग कार्यालय के सामने धरना पर बैठे हैं. उनमें से कुछ लोग कई दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं.

employees protest
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Published : May 11, 2022, 12:55 PM IST

रांची:वन विभाग कार्यालय के सामने 26 अप्रैल से ही मोटर वाहन चालक संघ और वन विभाग के कंप्यूटर ऑपरेटर संघ संयुक्त रूप से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. धरना पर बैठे कर्मचारियों की मांग है कि वन विभाग कार्यालय में आउटसोर्सिंग कर नये लोगों की बहाली की जा रही है और पुराने लोगों को नौकरी से हटाने का प्रयास किया जा रहा है. कर्मचारियों ने कहा कि झारखंड सरकार के अंतर्गत सालों से कार्यरत दैनिक वेतन भोगी में चालक और कंप्यूटर ऑपरेटर व विभिन्न श्रेणी के कर्मचारियों के स्थान पर आउटसोर्सिंग कर नए लोगों को लाने की जो प्रक्रिया की जा रही है, उसे जल्द से जल्द रद्द किया जाए ताकि पुराने लोगों का रोजगार बच सके.

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क्या कहते हैं कर्मचारी: झारखंड वन विभाग के मोटर वाहन चालक संघ के उपाध्यक्ष राजन लाल ने बताया कि वन पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन विभाग में सालों से दैनिक वेतन भोगी के रूप में चालक, कंप्यूटर ऑपरेटर और विभिन्न श्रेणी के कर्मचारी कई जिलों में कार्यरत हैं और उन्हें नियुक्ति करने से पहले ये आश्वासन दिया गया था कि 60 साल की उम्र तक उनलोगों को लगातार काम करने दिया जाएगा. अब अचानक विभाग की ओर से पुराने कर्मचारियों को हटाकर आउटसोर्सिंग के माध्यम से नए कर्मचारियों को लाने का प्रयास किया जा रहा है. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों की मांग है कि वन विभाग के विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालय में काम कर रहे चालक, ऑपरेटर व विभिन्न श्रेणी के कर्मचारियों को सरकारी लाभ देते हुए और आकस्मिक अवकाश, मातृत्व अवकाश और विशेष अवकाश का लाभ देते हुए उन्हें कार्य में रहने दिया जाए और आउटसोर्सिंग के माध्यम से लाए जा रहे नए लोगों की नियुक्ति पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जाए.

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कई दिनों से भूख हड़ताल जारी: धरने में भूख हड़ताल पर बैठे अर्जुन महतो और मिथलेश कुमार तिवारी ने कहा कि वे लोग अपनी नौकरी बचाने के लिए पिछले कई दिनों से भूख हड़ताल पर हैं लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. भूख हड़ताल पर रहने की वजह से पहले भी एक साथी की तबीयत बिगड़ चुकी है और अब उनकी भी तबीयत लगातार खराब हो रही है लेकिन, उनकी मांग पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यदि जल्द से जल्द वन विभाग की तरफ से आउटसोर्सिंग पर ला रहे नए लोगों की नियुक्ति पर रोक नहीं लगाई जाएगी और पुराने लोगों को फिर से कार्य करने का आदेश नहीं दिया जाएगा तो वह वन विभाग के सामने भूख हड़ताल कर अपनी जान गंवाने को विवश हो जाएंगे.

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