झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

ज्यादा पढ़े लिखे लोगों को नहीं मिलेगी छोटी नौकरी, हेमंत सरकार कर रही प्लान - झारखंड न्यूज

झारखंड में जिनके पास ऊंची डिग्रियां हैं, उन्हें छोटी नौकरियां नहीं मिल पाएंगी. झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (जेएसएससी) ने नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे मंजूरी के लिए भेजा गया है.

Jharkhand Staff Selection Commission
amendment in appointment rules

By

Published : Jul 25, 2023, 6:44 PM IST

रांची: झारखंड में जिन लोगों के पास ऊंची डिग्रियां हैं, वे निचले स्तर की सरकारी नौकरियों के लिए अप्लाई नहीं कर पाएंगे. राज्य में जेएसएससी (झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन) की परीक्षाओं की जो मौजूदा नियमावली है, उसमें इस तरह के संशोधन का ड्राफ्ट राज्य सरकार के कार्मिक विभाग ने तैयार किया है.

ये भी पढ़ें-Bumper Vacancy in Jharkhand: झारखंड में शिक्षकों की निकली बंपर बहाली, इस तारीख से करें आवेदन

विभाग की दलील है कि जिन नौकरियों के लिए मैट्रिक की अर्हता निर्धारित है, उसकी परीक्षाओं के लिए मैट्रिक से ऊपर की शैक्षणिक योग्यता यानी इंटर, ग्रैजुएट, पोस्ट ग्रैजुएट भी बड़ी संख्या में आवेदन कर देते हैं. ऐसी स्थिति में मात्र मैट्रिक पास अभ्यर्थियों का हक मारा जाता है.

झारखंड में सरकारी कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए परीक्षाएं आयोजित करने की जिम्मेदारी जेएसएससी की है. कार्मिक विभाग ने जेएसएससी परीक्षाओं की नियमावली में बदलाव का प्रस्ताव तैयार कर राज्य के मुख्य सचिव के पास विचारार्थ भेजा है. अगर इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिल जाती है और इसे अधिसूचित कर दिया जाता है तो फिर मैट्रिक स्तर की परीक्षाओं के लिए इंटर, स्नातक या अन्य तरह की उच्च शिक्षा प्राप्त छात्र-युवा आवेदन नहीं कर पाएंगे.

राज्य में तृतीय और चतुर्थ वर्ग के पदों पर ऊंची डिग्रियों वाले सैकड़ों लोग कार्यरत हैं. पीजी, बीटेक और पीएचडी डिग्री होल्डर भी कई छोटी सरकारी नौकरियों में काबिज हैं. तीसरे-चौथे दर्जे की नौकरियों की वैकेंसी निकलने पर उच्च शिक्षा प्राप्त लोग भी बड़ी तादाद में परीक्षा में शामिल होते हैं. कई विभाग और दफ्तर ऐसे हैं, जहां मैट्रिक पास सहायक के अधीन उच्च शिक्षा की डिग्री वाले भी काम कर रहे हैं. इससे कामकाज में असहज स्थिति पैदा होती है.

हालांकि यह तय माना जा रहा है कि नियमावली में इस तरह का संशोधन होने पर उसका विरोध होगा. इसे कोर्ट में भी चुनौती दी जा सकती है, क्योंकि पूरे देश में शायद ही कहीं ऐसी व्यवस्था हो जिसमें उच्च शैक्षणिक डिग्री होने पर अभ्यर्थी को किसी प्रतियोगी परीक्षा से डिबार कर दिया जाए.

सनद रहे कि झारखंड में परीक्षा और नियुक्ति की नियमावलियों को लेकर लगातार विवाद खड़े होते रहे हैं. ऐसे विवादों के कारण पिछले तीन-चार साल में ही एक दर्जन से ज्यादा नियुक्ति परीक्षाएं और प्रक्रियाएं या तो रद्द की गई हैं या फिर बाधित हुई हैं.

इनपुट- आईएएनएस

ABOUT THE AUTHOR

...view details