रांचीः बजट सत्र के तीसरे दिन झारखंड विधानसभा में सरकार समान काम समान वेतन के मुद्दे पर फंसती हुई दिखी. कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने ध्यानाकर्षण के जरिए राज्य में अनुबंध पर काम कर रहे लाखों लोगों के भविष्य को लेकर चिंता जताते हुए सरकार से इनके स्थाई निदान के बारे में जानकारी मांगी थी. जिसपर सरकार का जवाब गोलमाल दिखा.
BUDGET Session 2023: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र का तीसरा दिन, अनुबंधकर्मियों के स्थायीकरण के सवाल पर सदन में उलझती दिखी सरकार - MLA Pradeep Yadav
बजट सत्र के दौरान कई मुद्दों पर सरकार घिरती नजर आ रही है. सत्र के तीसरे दिन भी ऐसा ही कुछ हुआ. इस बार मुद्दा था समान काम के लिए समान वेतन. यह मुद्दा उठाया था विधायक प्रदीप यादव ने.
सरकार के जवाब में यह कहा गया कि अनुबंध पर बड़े पैमाने पर अवैध नियुक्तियां हुई हैं, जिस वजह से समान काम के लिए समान वेतन नहीं दे सकते. हालांकि सरकार के द्वारा इस संबंध में एक कमेटी बनाई गई है. प्रदीप यादव ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा पारा शिक्षकों और ओल्ड पेंशन स्कीम का समाधान निकलने के बाद राज्य के लाखों अनुबंध कर्मियों को यह आशा जगी है कि उनकी भी समस्या का समाधान सरकार के द्वारा निकाला जाएगा, मगर ऐसा अभी तक नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार के इस जवाब से वह संतुष्ट नहीं है और सरकार सुप्रीम कोर्ट के समान काम समान वेतन संबंधी फैसले का कहीं ना कहीं उल्लंघन कर रही है.
विभिन्न विभागों में लंबे समय से कार्यरत कर्मियों की हालत यह है कि उन्हें आधे से कम वेतन मिलता है और ना ही कोई सरकारी सुविधाएं मिल पाती हैं. ऐसे में इनकी समस्या आज भी बनी हुई है. उन्होंने कहा कि वैध और अवैध नियुक्तियों में सरकार युवाओं को नहीं उलझाए. जब कभी भी नियुक्तियां हों वह वैध रूप से नियुक्तियां हों.
फर्जी संस्थाएं करती हैं युवाओं से नियुक्ति के नाम पर ठगीः सदन में फर्जी संस्थाओं के द्वारा युवाओं को सरकारी नौकरी के नाम पर की जा रही ठगी का मामला भी उठा. विधायक प्रदीप यादव ने गोड्डा जिले में हरित फॉउंडेशन द्वारा 35 युवाओं से शिक्षक नियुक्ति के नाम पर 35-35 हजार लेकर की गई नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह की घटना राज्य भर में हो रही है. जिसमें भोले भाले बेरोजगार युवा ठगे जा रहे हैं. इस घटना में दो एफआईआर भी दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा प्रदीप यादव ने शहरों में अतिक्रमण के कारण तालाबों के गायब होने और सिकुड़ने का मामला उठाया. सरकार ने भी माना कि सिर्फ रांची नगर निगम क्षेत्र में 62 तालाबों, जलाशयों में अतिक्रमण हटाने के लिए अंचल अधिकारियों को निर्देशित किया गया है. मामले में स्पीकर के हस्तक्षेप करने पर प्रभारी मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि पूरे राज्य में सर्वे कराकर तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा.