रांची: झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ अभियान और वीआईपी सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले झारखंड सशस्त्र बल(जैप) की समस्या सुझलाने की जिम्मेदारी वाहनियों के कमांडेट की होगी. जवानों के द्वारा समस्या बताने के एक हफ्ते के भीतर कमांडेंट को इसे सुलझाना होगा. बुधवार को जैप एडीजी तदाशा मिश्रा ने इससे संबंधित एक आदेश जारी किया है.
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क्या है आदेश में
एडीजी के आदेश के मुताबिक, वाहिनी के पुलिसकर्मी अब अपनी समस्याओं को लेकर सीधे मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय को आवेदन नहीं देंगे. सीधे तौर पर बड़े अधिकारियों या विभाग को आवेदन देना अनुशासनहीनता माना जाएगा. एडीजी ने अपने आदेश में लिखा है कि सीधे पुलिस मुख्यालय या गृह विभाग को आवेदन देना विभागीय आचरण के खिलाफ है, साथ ही यह कमांडेंटस्तर के अधिकारियों के नियंत्रण की कमी को दिखाती है.
समस्या निदान कोषांग का होगा गठन
जैप में तैनात पुलिसकर्मियों की समस्या सुनने के लिए जैप मुख्यालय में डीएसपी स्तर के अधिकारी के अधीन समस्या निदान कोषांग का गठन किया जाएगा. एडीजी के आदेश के अनुसार, कोषांग में आने वाली समस्या कमांडेंट अगर एक हफ्ते में नहीं सुलझा पाते हैं, तो इसकी जानकारी आईजी जैप को अनुशंसा के साथ दें. आईजी स्तर के अधिकारी भी इस समस्या का निदान नहीं कर पाएं तो इसकी जानकारी एडीजी जैप को दें.