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सत्ता पक्ष ने गिनाईं बजट की खासियत, पूर्णिमा ने की थर्ड जेंडर के हक की बात

झारखंड सरकार ने हाल ही में वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया है. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने विधानसभा में 91,277 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है. बजट की सत्तापक्ष के नेताओं ने तारीफ करते हुए इसे लोककल्याणकारी बताया है.

सत्ता पक्ष
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Published : Mar 6, 2021, 12:08 AM IST

रांचीः सत्ता पक्ष के विधायकों ने 3 मार्च को झारखंड विधानसभा में पेश हेमंत सरकार के वित्तीय बजट 2021-22 की जमकर तारीफ की. झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, प्रदीप यादव, विनोद सिंह, मथुरा प्रसाद महतो, अंबा प्रसाद और पूर्णिमा सिंह ने बजट को लोक कल्याणकारी बताया.

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सुदिव्य कुमार ने कहा कि जिस क्षेत्र से भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी आते हैं वह इलाका कभी अभ्रक की चमक बिखेरता था. आज हर दो-चार माह में बंद अभ्रक खदान में एक-दो लोग जिंदा दफन हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अभ्रक उद्योग को पुनर्जीवित करेगी. सुदिव्य कुमार बजट की खासियत गिनाने से ज्यादा भाजपा की नीति और केंद्र सरकार पर हमले करते रहे.

प्रदीप यादव ने मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा पर निशाना साधते हुए केंद्र सरकार के बजट पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि पैसे जुटाने के नाम पर केंद्र सरकार बैंक और कंपनियां बेच रही है, जबकि इंदिराजी ने बैंक और कोलियरी का राष्ट्रीयकरण किया था.

लाइट हाउस प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े किए

उन्होंने लाइट हाउस प्रोजेक्ट पर भी सवाल खड़े किए. भाकपा माले के विधायक विनोद सिंह ने बजट के पक्ष में अपनी बात रखी. साथ ही यह बताया कि बजट का पैसा जरूरतमंदों तक पहुंचे इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि सिर्फ योजना बना देने से कुछ नहीं होता. कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि हम गौ माता की पूजा करते हैं लेकिन दुर्भाग्यवश आज के दौर में गाय के नाम पर राजनीति होने लगी है, लेकिन हमारी सरकार ने गौ मुक्ति धाम की व्यवस्था करने का फैसला लिया है.

किसानों को नहीं मिला मोबाइल

पहली बार विधायक बनी कांग्रेस की विधायक पूर्णिमा सिंह ने एक पुस्तक का जिक्र करते हुए कहा कि हेमंत सरकार में मानव द्वारा मानव के शोषण की गुंजाइश नहीं होगी. उन्होंने विपक्ष के हर सवालों का करारा जवाब दिया. पूर्णिमा सिंह ने कहा कि 2019 में रघुवर सरकार के समय जो बजट आया था उसमें कृषकों को मोबाइल फोन देने की बात कही गई थी, लेकिन किसी को मोबाइल नहीं मिला.

उन्होंने कहा कि बिरंची नारायण कहते हैं कि अगर सरकार अच्छा काम करेगी तो विपक्ष पीठ थपथपाएगा, लेकिन मनरेगा में रिकॉर्ड मानव सृजन होने पर शाबाशी नहीं मिली. पहली बार आउटकम बजट बना इस पर शाबाशी नहीं मिली. उन्होंने अपनी सरकार को थर्ड जेंडर के लिए भी पेंशन की व्यवस्था करने का सुझाव दिया.

पूर्णिमा सिंह ने माना कि अधिकारियों की उदासीनता के प्रति सजग रहने की जरूरत है. उनके ऐसा कहने पर जब विपक्षी विधायकों ने चुटकी ली तो उन्होंने कहा कि हमारे अंदर अपनी आलोचना की भी हिम्मत है.

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