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झारखंड में बढ़ती सड़क दुर्घटना चिंता का सबब, रोकथाम के लिए पुलिस सख्ती से लागू कर रही है कानून - he Central Motor Vehicles Amendment Act 2019 will be strictly implemented in jharkhand

झारखंड में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए झारखंड पुलिस ने केंद्रीय मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 को एक सितंबर से सख्ती से लागू कर दिया है. इससे पहले सभी जिलों के ट्रैफिक एसपी, ट्रैफिक थानों को इस मामले को लेकर पत्र जारी किया गया था.

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Published : Sep 1, 2019, 3:16 PM IST

रांची:देश में जितनी मौतें हार्ट अटैक, कैंसर जैसी बीमारियों से नहीं होती, उससे कहीं ज्यादा मौतें सड़क हादसों में हो जाती है. यह हम नहीं कह रहे बल्कि सरकारी आंकड़े कह रहे हैं. सरकारी आंकड़ों की माने तो देश में 16.4% हार्ट अटैक, 18% कैंसर और 24.8% लोग बीमारी से मरते हैं, जबकि 40.8% प्रोडक्टिव एज ग्रुप की मौत रोड एक्सीडेंट से होती है. हालांकि सड़क दुर्घटना में मरने वाले आंकड़े केवल देश के लिए ही नहीं बल्कि झारखंड राज्य के लिए भी डराने वाले हैं.

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रांची में सड़क हादसों के आंकड़ें भयावह
2019 के आंकड़े कहते हैं कि रांची में सड़क हादसों में 390 लोगों की मौत हुई है. जबकि 2018 के आंकड़े यह कहते हैं कि रांची में हर महीने लगभग 40 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. जिसमें लगभग हर महीने 30 लोगों की मौत हो जाती है. जनवरी से लेकर सितंबर 2018 के बीच रांची में 362 सड़क दुर्घटनाएं हुईं. जिसमें 247 लोगों की जान चली गई. वहीं रांची जिले में 1 वर्ष में कुल 583 सड़क दुर्घटना के केस दर्ज हुए हैं. हादसों की भयावह संख्या को देखते हुए ही झारखंड पुलिस ने केंद्रीय मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 को एक सितंबर से सख्ती से लागू कर दिया है.

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झारखंड पुलिस सख्ती से करेगी कानून का पालन
झारखंड पुलिस के वरीय प्रवक्ता सह एडीजी अभियान एम एल मीना के अनुसार बढ़ते सड़क हादसों को रोकने में कारगर होने वाले मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 को लेकर झारखंड पुलिस सख्ती से निपटेगी. रांची पुलिस ने रविवार से ही कानून को लेकर सख्ती बरतना शुरू कर दिया है. इसे लेकर पहले ही सभी जिलों के ट्रैफिक एसपी, ट्रैफिक थानों को पत्र जारी कर दिया गया है.

मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 में क्या हैं प्रावधान
वर्ष 1988 के मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन कर लाए गए मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 में काफी कड़े प्रावधान किए गए हैं. नए कानून के तहत न केवल जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है बल्कि कठोर सजा के प्रावधान भी किए गए हैं.

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अपराध एवं जुर्माने का प्रावधान:

अपराध जुर्माना पहले (रुपए में) जुर्माना अब (रुपए में)
सीट बेल्ट नहीं पहनने पर 100 1000
दोपहिया वाहनों पर 2 से ज्यादा सवारी 100 1000
हेलमेट नहीं पहनने पर 100 1000 और तीन महीने के लिए लाइसेंस निलंबित
इमरजेंसी वाहनों को रास्ता नहीं देने पर 0 10,000
बिना ड्राइविंग लाइसेंस के ड्राइविंग 500 5,000
ड्राइविंग लाइसेंस रद्द होने के बावजूद ड्राइविंग 500 10,000
ओवरस्पीड 400 2000
खतरनाक ड्राइविंग 1000 5000
ड्रिंक एंड ड्राइविंग 2000 10,000
ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फोन पर बात करने पर 1000 5000
बिना परमिट पाए जाने पर 5000 10000
ओवरलोडिंग 2000 और उसके बाद प्रति टन 1000 20000 और उसके बाद प्रति टन 2000
बिना इंश्योरेंस के गाड़ी चलाने पर 1000 2000
नाबालिग के गाड़ी चलाने पर 0 25000 और 3 साल की सजा वाहन का रजिस्ट्रेशन रद्द और गाड़ी के मालिक तथा नाबालिग के अभिभावक दोषी माने जाएंगे, नाबालिग को 25 साल की उम्र तक लाइसेंस नहीं


जागरूकता ही बचाव
झारखंड पुलिस के आईजी अभियान सह पुलिस प्रवक्ता आशीष बत्रा के अनुसार ट्रैफिक मैनेजमेंट के 3 आयाम होते हैं. जिसमें पहला बेसिक रिक्वायरमेंट होता है, दूसरा एडूकेशन होता है और तीसरा एनफोर्समेंट एक्शन होता है. पुलिस का मुख्य योगदान तीसरे आयाम में होता है. ऐसे में इन कड़े नियमों के बावजूद सड़क दुर्घटनाओं में कमी तब तक नहीं आ सकती जब तक कि आम लोग खुद सतर्क और जागरुक न हो जाए. वाहन चलाते हुए वे अगर सतर्कता बरतेंगे, कानून को लेकर जागरुक रहेंगे तो जुर्माने की नौबत ही नहीं आएगी.

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