रांचीः एक्सटेंशन पर चल रहे पंचायतों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जुलाई को खत्म हो रहा है. पंचायतों के कार्यकाल समाप्त होने से पहले राज्य सरकार फिर अध्यादेश लाकर गांव की सरकार का कार्यकाल बढ़ाने में लगी है. पंचायती राज विभाग के प्रस्ताव पर वित्त विभाग और मुख्यमंत्री की सहमति मिलने के बाद अध्यादेश को राजभवन भेजा गया है. राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद छह माह के लिए पंचायतों के कार्यकाल बढ़ जाएगा.
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2015 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का कार्यकाल 31 दिसंबर 20 को समाप्त हो गया था, लेकिन राज्य सरकार ने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की मांग पर 6 महीने का कार्यकाल बढ़ा दिया था. इसके बाद पंचायतों के संचालन अधिकारियों को नहीं देकर जनप्रतिनिधियों को ही बरकरार रखा था. विघटन की तिथि से ही मुखिया, प्रमुख और जिला परिषद अध्यक्ष, प्रधान कार्यकारी समिति के पदनाम के साथ अपना पद संभाल रहे हैं, जिसकी कार्यकाल 15 जुलाई को खत्म हो रहा है.
फिर एक्सटेंशन देने की तैयारी में है सरकार
पंचायती राज विभाग ने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल एक बार फिर बढ़ाने की तैयारी में है. कानूनी सलाह के बाद पंचायती राज के प्रस्ताव पर वित्त विभाग और मुख्यमंत्री की मंजूरी मिल गई है. विभागीय मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से अध्यादेश लाया जा रहा है, जिसकी स्वीकृति वित्त विभाग और मुख्यमंत्री से मिल गया है और राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा गया है. उन्होंने कहा कि नये राज्यपाल के आने के बाद इसकी मंजूरी मिल जाएगी.
नवंबर-दिसंबर में पंचायत चुनाव कराने की तैयारी
2015 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अनुसार राज्य में मुखिया के 4402, जिला परिषद के 545, पंचायत समिति सदस्य के 5423 और ग्राम पंचायत सदस्य के 54330 पदों के लिए चुनाव हुए थे. हालांकि, राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायतों के कार्यकाल समाप्त होने के बाद से ही चुनाव कराने की तैयारी में जुट गया है. निर्वाचन आयोग की ओर से मतदाता सूची तैयार करने के साथ साथ नये सिरे से निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन किया जा रहा है. पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम ने बताया कि सबकुछ ठीक रहा, तो साल के अंत यानी नवंबर दिसंबर में चुनाव कराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सरकार चुनाव कराने के लिए तैयार थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण चुनाव को रोक दिया गया.