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रांची सहित 35 नगर निकायों का अप्रैल में होगा कार्यकाल खत्म, चुनाव नहीं होने के कारण मुख्यमंत्री से अवधि विस्तार की पार्षद करेंगे मांग

झारखंड सरकार द्वारा ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही नगर निकाय चुनाव कराने के फैसले के बाद पार्षदों ने सीएम से अवधि विस्तार की मांग की है. रांची सहित राज्य के 35 नगर निकायों का कार्यकाल अप्रैल में खत्म हो जाएगा.

Tenure of 35 municipal bodies will end in April
Tenure of 35 municipal bodies will end in April

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Published : Mar 25, 2023, 7:48 PM IST

रांची: राज्य सरकार के द्वारा ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही नगर निकाय चुनाव कराने का फैसला किया गया है. इस फैसले के बाद स्पष्ट हो गया है कि राज्य में फिलहाल नगर निकाय चुनाव नहीं होंगे. इस सबके बीच रांची नगर निकाय सहित झारखंड के 35 नगर निकायों का कार्यकाल अगले महीने यानी अप्रैल में खत्म हो रहा है. ऐसे में इन नगर निकायों पर जनप्रतिनिधियों के बजाय सरकारी बाबुओं का राज कायम हो जाएगा. हालांकि इस संबंध में राज्य सरकार के द्वारा अभी तक कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है.

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बता दें कि रांची नगर निगम बोर्ड का कार्यकाल 27 अप्रैल को खत्म हो रहा है. इसी तरह से राज्य के अन्य 35 नगर निकायों का अप्रैल महीने में कार्यकाल खत्म होगा. इससे पहले 13 नगर निकायों का चुनाव साल 2020 से ही विभिन्न कारणों से लंबित पड़ा हुआ है. इस तरह से अप्रैल के बाद यानी मई महीने से राज्य के सभी नगर निकाय क्षेत्र जनप्रतिनिधि के अधिकार क्षेत्र से दूर होकर पदाधिकारियों के भरोसे काम करेगा.

अवधि विस्तार के लिए मुख्यमंत्री से मिलेंगे पार्षद:रांची नगर निगम सहित राज्य के अन्य नगर निकाय बोर्ड के कार्यकाल खत्म होने के बाद उत्पन्न होने वाली परिस्थिति को देखते हुए पार्षदों ने राज्य सरकार से अवधि विस्तार की मांग की है. रांची नगर निगम के वार्ड पार्षद अरुण झा के अनुसार इस संबंध में जल्द ही एक शिष्टमंडल मुख्यमंत्री से मिलकर आम लोगों को होने वाली परेशानी को देखते हुए नगर निगम बोर्ड की अवधि विस्तार की मांग करेगी. उन्होंने कहा कि पदाधिकारियों के भरोसे नगर निगम क्षेत्र में लोगों को साफ-सफाई, सड़क मरम्मत, वृद्धा पेंशन, पानी जैसी जन सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा सकती हैं. ऐसे में राज्य सरकार ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू करें और वर्तमान निगम बोर्ड के कार्यकाल को अवधि विस्तार दे.

15वें वित्त आयोग की राशि मिलने में होगी परेशानी: नगर निगम बोर्ड का कार्यकाल खत्म होने के बाद इन नगर निगम क्षेत्रों में आम लोगों की परेशानी बढ़ने के साथ-साथ राज्य सरकार को भी केंद्रीय सहायता मद की राशि मि्लने में परेशानी होगी. 15वें वित्त आयोग से झारखंड को करीब 16 सौ करोड़ रुपए मिलने हैं जिसके जरिए शहरी क्षेत्रों में विकास कार्य होने हैं. चुनाव नहीं कराने या शक्तियों का हस्तांतरण नहीं होने से स्थानीय निकाय कमजोर होने के साथ-साथ वित्त आयोग की अनुशंसा पर मिलने वाली सहायता राशि पर भी ग्रहण लग सकता है.

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