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सदन में दीपिका पांडे सिंह ने कहा- प्रदीप यादव करते हैं इंटरप्ट, स्पीकर को करना पड़ा हस्तक्षेप

झारखंड विधानसभा मानसून सत्र के दौरान सदन के अंदर सत्ता पक्ष के विधायकों के बीच खींचतान शुरू हो गई. कांग्रेस की विधायक दीपिका पांडे सिंह ने प्रदीप यादव पर हमेशा इंटरप्ट (Tension between Congress MLAs) करने का आरोप लगाया. स्पीकर रबींद्रनाथ महतो के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ.

Tension between Congress MLAs during Jharkhand Assembly Monsoon Session
Tension between Congress MLAs during Jharkhand Assembly Monsoon Session

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Published : Aug 4, 2022, 4:12 PM IST

Updated : Aug 4, 2022, 6:32 PM IST

रांची: कृषि योग्य भूमि पर सिंचाई का दायरा बढ़ाने के विधायक दीपिका पांडे सिंह के सवाल के दौरान प्रदीप यादव ने पूरक प्रश्न पूछा तो दोनों के बीच खींचतान (Tension between Congress MLAs) शुरू हो गई. दीपिका पांडेय सिंह (Deepika Pandey Singh) ने कहा कि प्रदीप यादव (Pradeep Yadav) हमेशा इंटरप्ट करते हैं. उन्होंने कहा कि हम लोगों को भी सीखने का मौका मिलना चाहिए. हमारे अनुभवी सदस्य मेरे बिहाफ में भी क्यों बोलते हैं. यह अच्छी परिपाटी नहीं है.

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इस पर प्रदीप यादव ने कहा कि मेरा भी सवाल इनसे मिलता-जुलता था. इसलिए मैंने उसे उठाया. इस पर दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि अगले ढाई साल के लिए हम लोगों की तरफ से सवाल पूछने के लिए उनको ही अधिकृत कर दिया जाना चाहिए. अगर सिमिलर सवाल था तो वह हाउस के पहले भी शेयर कर सकते थे. दोनों के बीच बात बढ़ी तो स्पीकर रबींद्रनाथ महतो (Rabindranath Mahto) को हस्तक्षेप करना पड़ा.

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दरअसल, दीपिका पांडे सिंह का सवाल था कि झारखंड में कृषि योग्य कितनी भूमि है जो सिंचित योग्य बनाई जा सकी है. जवाब में प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि राज्य में 29.74 लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है. द्वितीय बिहार सिंचाई आयोग के अनुसार 24.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता का सृजन किया जा सकता है. बृहद एवं मध्यम सिंचाई योजनाओं के माध्यम से 3.85 लाख हेक्टेयर और चतुर्थ लघु सिंचाई गणना के अनुसार लघु सिंचाई प्रक्षेत्र में 6.19 लाख हेक्टेयर यानी कुल 10.04 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता का सृजन किया गया है. इस हिसाब से सिंचाई क्षमता वाले 24.25 लाख हेक्टर की तुलना में 41.44% क्षेत्र में सिंचाई क्षमता का सृजन हुआ है.

प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने बताया कि सिंचाई को लेकर 25 योजनाओं का निर्माण अलग-अलग चरण में चल रहा है. इसके अलावा छह योजनाएं प्रस्तावित हैं. इन योजनाओं के पूरा होने पर सिंचित क्षेत्र का दायरा करीब 70% हो जाएगा. आपको बता दें कि प्रदीप यादव का सवाल था कि 22 वर्षों के बाद भी अब तक सिर्फ 22% खेती योग्य भूमि पर ही सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो पाई है.

Last Updated : Aug 4, 2022, 6:32 PM IST

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