रांची:मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर 19 नवंबर को भारत और न्यूजीलैंड के बीच T20 मैच के दौरान जेएससीए स्टेडियम में 100 फीसदी दर्शकों की एंट्री हुई थी. उसके बाद से राज्य सरकार पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. सामाजिक संगठनों के साथ-साथ अभिभावकों ने राज्य में पहली से पांचवी कक्षाओं के लिए भी स्कूल खोलने की मांग शुरू कर दी है.
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कोरोना का प्रभाव कम होते ही विभिन्न राज्यों में प्राथमिक से लेकर सीनियर बच्चों के लिए स्कूल खोले गए हैं. लेकिन झारखंड में अभी भी प्राथमिक बच्चों के लिए क्लास वन से फाइव तक स्कूल नहीं खोले गए हैं. जबकि विभिन्न आयोजनों के साथ-साथ बड़े-बड़े आयोजन और क्रिकेट मैच तक 100 फीसदी दर्शकों के साथ रांची में आयोजित हो रहे हैं. इसके बावजूद राज्य सरकार स्कूलों की ओर ध्यान नहीं दे रही है. विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ-साथ अभिभावकों ने भी राज्य सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. लोगों का कहना है कि यह सरकार दोहरी रवैया अपना रही है. आखिर स्कूलों को क्यों नहीं खोला जा रहा है. यह समझ से परे है.
क्लास सिक्स के ऊपर कक्षाएं हो रही संचालित
झारखंड में कक्षा 6 से बारहवीं तक की कक्षाएं संचालित हो रही है. वहीं यूनिवर्सिटी और कॉलेज भी खोल दिए गए हैं. इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का ख्याल रखा जा रहा है. लेकिन अब तक बच्चों के लिए स्कूल नहीं खोले गए है. स्कूल खोलने की मांग लगातार हो रही हैं. स्कूल प्रबंधकों की ओर से तमाम तरह की तैयारियां कर ली गई है. सरकार के आदेश मिलते ही स्कूल प्रबंधक बच्चों के लिए भी स्कूल खोलने को लेकर तैयार हैं. झारखंड अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस ओर गंभीरता दिखाने की अपील की है. साथ ही जल्द से जल्द जूनियर बच्चों के लिए स्कूल खोलने की मांग की है. दूसरी ओर प्राइवेट स्कूलों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष आलोक दुबे ने भी मुख्यमंत्री से इस ओर ध्यान देने की अपील की है.
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बच्चों के लिए स्कूल खुलने के मिल रहे हैं संकेत
वहीं जानकारी मिल रही है कि राज्य में पहली से पांचवी कक्षा के लिए भी स्कूल जल्द खुल सकते हैं. इनमें सरकारी और निजी दोनों स्कूल शामिल हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में होने वाली झारखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकार की अगली बैठक में इसपर फैसला हो सकता है. बैठक नवंबर में ही आयोजित होगी.