रांची: राजधानी में एक बार फिर से शिक्षक गृह जिले में तबादले की मांग कर रहे हैं. पिछले कई सालों से राज्य के शिक्षक गृह जिले में स्थानांतरण को लेकर आंदोलनरत हैं. 2012 में एक नियमावली के तहत शिक्षक पात्रता परीक्षा में पास अभ्यर्थियों को भी आश्वासन दिया गया था कि उन्हें गृह जिले में सेवा देने का मौका मिलेगा. लेकिन अब तक इन शिक्षकों को गृह जिले में स्थानांतरित नहीं किया गया है. ऐसे में सैकड़ों शिक्षकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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शिक्षा विभाग ने दिया था आश्वासन
शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को आश्वासन दिया था कि जिन शिक्षकों को परेशानी हो या पति पत्नी दोनों विभाग में कार्यरत हों और दोनों अलग-अलग जिलों में काम कर रहे हैं. ऐसे शिक्षकों को चिन्हित कर नियमावली के तहत स्थानांतरण की व्यवस्था की जाएगी. लेकिन आश्वासन धरा का धरा ही रह गया है.
विभाग की लापरवाही से हो रही परेशानी
शिक्षक नियुक्ति के दौरान जिला बार शिक्षकों को चिन्हित किया गया था. उस दौरान कहा गया था कि ऐसे शिक्षकों को एक नियमावली के तहत अपने ही गृह जिले में पद स्थापित किया जाएगा. लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया में विसंगतियों के कारण इन शिक्षकों को गृह जिले में नियुक्ति में परेशानी आ रही है. नियुक्ति के लिए जिला स्तर पर काउंसलिंग की व्यवस्था की गई थी. इस दौरान कई गड़बड़ियां विभाग की ओर से की गई थी. जिसकी वजह से अब तक शिक्षक गृह जिला में सेवा देने से वंचित है. 2019 में प्राथमिक से लेकर हाई स्कूल के शिक्षक अंतर जिला स्थानांतरण के प्रावधान की मांग कर रहे हैं.
नई नियमावली से परेशानी होगी दूर
नई नियमावली के तहत विभाग ने शिक्षकों को चिन्हित कर गृह जिला में बहाल करने की बात कही है. मामले को लेकर राज्य शिक्षा परियोजना परिषद ने बताया कि नई नियमावली के तहत इस परेशानी को दूर किया जाएगा. इसे लेकर विभागीय स्तर पर विचार विमर्श किया जा रहा है.