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रांची विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्यों की मांग विश्वविद्यालय और कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों का हो सेवा विस्तार

झारखंड में कोरोना काल में जिस तरह से डॉक्टरों का सेवा विस्तार दिया गया था. इसी तरीके से अब रांची विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्यों ने सीएम हेमंत सोरेन से मांग की है शिक्षकों को भी विस्तार दिया जाए.

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शिक्षकों ने सीएम को लिखा पत्र

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Published : Jun 6, 2021, 10:34 PM IST

रांची: रांची विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्यों की ओर से विश्वविद्यालय और कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों को सेवा विस्तार देने की मांग की गई है. इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी एक पत्र लिखा गया है.

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शिक्षकों को विस्तार दिया जाए: विश्वविद्यालय सीनेट सदस्य

विश्वविद्यालय सीनेट सदस्यों का तर्क है कि जिस तरह राज्य के चिकित्सकों को सेवा विस्तार दिया गया है. उसी तर्ज पर विश्वविद्यालय और कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों को भी 2 वर्ष का सेवा विस्तार दिया जाए. मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि रांची विश्वविद्यालय के अलावा राज्य के दूसरे विश्वविद्यालयों में भी शिक्षकों की कमी है और इस कोरोना वायरस काल में चिकित्सकों के साथ-साथ शिक्षकों ने भी कड़ी मेहनत करते हुए राज्य की सेवा की है. हमेशा ही विश्वविद्यालय के उच्च पदों पर आसीन पदाधिकारियों को सेवा विस्तार दिया गया है. ऐसे में शिक्षकों को सेवा विस्तार दिया जाना चाहिए. बता दें कि वर्ष 2008 के बाद शिक्षकों की नियुक्ति हुई ही नहीं है. जबकि शिक्षक लगातार सेवानिवृत्त हो रहे हैं. मामले को लेकर सीएम को संज्ञान लेने की अपील की गई है.

शिक्षक नियुक्ति की मांग

झारखंड में शिक्षक अभ्यर्थियों ने एक बार फिर आंदोलन करने के मूड में दिख रहे हैं. बता दें कि वर्ष 2016 में जेटेट सफल अभ्यर्थियों ने नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग राज्य सरकार से की है. इन अभ्यर्थियों का कहना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चुनाव से पहले अभ्यर्थियों से वादा किया था कि सरकार बनने के बाद शिक्षकों की बहाली होगी और जेटेट सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाएगी. लेकिन लगातार मुख्यमंत्री वादाखिलाफी कर रहे हैं. इसके खिलाफ एक बार फिर जोरदार आंदोलन किया जाएगा. जेटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ के अध्यक्ष परिमल कुमार का कहना है कि झारखंड में प्राथमिक शिक्षकों की भारी कमी है. राज्य सरकार चाहे तो वर्ष 2016 जे टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को बहाल कर इस कमी को दूर कर सकती है. लेकिन इस ओर सरकार का ध्यान है ही नहीं और इसके खिलाफ अब आंदोलन एक बार फिर करना पड़ेगा.

बीआईटी मेसरा के प्रबंधन विभाग की ओर से प्रतियोगिता

इधर बीआईटी मेसरा के प्रबंधन विभाग की ओर से अखिल भारतीय व्यापार योजना प्रतियोगिता के फाइनल में कई प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. इस प्रतियोगिता में जीएच रईसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग नागपुर के चिन्मय नायक को अभ्युदय 21 का विजेता घोषित किया गया. उनके स्टार्टअप योजना सबसे बेहतर रहा. जिसका उद्देश्य दृष्टिहींन छात्रों के लिए आईटी डिजिटल कक्षा समाधान प्रदान करना है. इस विशेष मौके पर सांसद महेश पोद्दार के अलावा और भी कई विशेषज्ञ और शिक्षाविद शामिल हुए.

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