रामेश्वर उरांव, वित्त मंत्री, झारखंड रांची:वाणिज्य कर विभाग ने कर समाधान योजना की शुरुआत की है. जिसके तहत व्यवसायियों के पास बकाया और इससे संबंधित विवादों का निबटारा किया जाएगा. बुधवार को विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान इसकी शुरुआत वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने की. इस मौके पर विभागीय सचिव आराधना पटनायक सहित बड़ी संख्या में व्यवसायी उपस्थित थे.
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कर समाधान योजना से व्यवसायियों के लंबित मामलों का निष्पादन होगाः इस मौके पर वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि कर समाधान योजना से जहां व्यवसायियों के लंबित मामलों का निष्पादन होगा, वहीं राज्य सरकार को टैक्स के रूप में बकाया राशि भी प्राप्त होगी. उन्होंने कहा कि लंबे समय से न्यायालयों में मामले चल रहे हैं. यदि इसका समाधान हो जाए तो न्यायालय, व्यापारियों और सरकार के अधिकारियों का समय बचेगा. साथ ही राज्य सरकार को राजस्व के रूप में पैसा भी मिल जाएगा. इसलिए विभागीय अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है की विवादित मामलों का समाधान अधिकारी अपने स्तर से करें, ताकि सभी का समय बच सके और सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति हो सके.
विवादित राशि में 30 प्रतिशत तक की छूटः वहीं इस अवसर पर विभागीय सचिव आराधना पटनायक ने कहा कि कर समाधान योजना के तहत राज्य सरकार ने कई तरह की रियायतें दी हैं. जिसके तहत विवादित राशि में 60% तक की छूट दी गई है, जबकि मूल राशि जो टैक्स के रूप में विभाग ने निर्धारित की है उसे व्यवसायी को पूरी देनी होगी. आराधना पटनायक ने कहा कि इंटरेस्ट और पेनाल्टी की राशि पर राज सरकार ने 90% तक की छूट दी है. यानी कि व्यवसायियों को मात्र 10 फीसदी राशि देनी होगी. वर्तमान समय में जो राज्य सरकार का बकाया है विभिन्न करदाताओं पर जो बकाया है वह करीब 3500 करोड़ है. वहीं विभिन्न न्यायालयों में जो मामले चल रहे हैं वह करीब 5000 करोड़ की है.
वाणिज्यकर विभाग ने लक्ष्य से अधिक किया राजस्व संग्रहःवाणिज्य कर विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष के पूरा होने से एक माह पहले ही फरवरी महीने में 101% राजस्व संग्रह कर रिकॉर्ड बनाया है. फरवरी माह तक विभाग ने 18500 करोड़ की राजस्व उगाही की है, जो लक्ष्य से करीब ढाई हजार करोड़ अधिक है. विभागीय सचिव आराधना पटनायक ने उम्मीद जताते हुए कहा की मार्च अंत अंत तक विभाग यह आंकड़ा 21000 करोड़ से अधिक का पार कर लेगा. उन्होंने कहा कि 1000 करोड़ भारत सरकार के पास विभिन्न मदों में विभाग का बकाया है, यदि वह प्राप्त हो जाता है तो इस चालू वित्तीय वर्ष में करीब 22000 करोड़ राजस्व संग्रह वाणिज्य कर विभाग के द्वारा होगी. उन्होंने इसके लिए विभागीय अधिकारियों, कर्मियों और करदाताओं के सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि इतना बड़ा लक्ष्य प्राप्त करने में इनकी अहम भूमिका रही है.