रांची: झारखंड में टाना भगतों की एक अलग पहचान है. इन्हें बापू का सच्चा अनुयायी कहा जाता है. आज भी यह समाज चरखा लगे झंडे की पूजा करता है. सिर पर गांधी टोपी इनकी पहचान है, लेकिन चतरा में अशोका कोलियरी प्रोजेक्ट के कारण इनपर उजड़ने का खतरा मंडरा रहा है. लिहाजा, कोलियरी का काम बंद कराने और जमीन की बंदोबस्ती के कागज की मांग को लेकर चतरा के टाना भगतों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रोजेक्ट भवन आ पहुंचें. सीएम से तो इनकी मुलाकात नहीं हुई, लेकिन वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने इनकी बातों को सुना.
टाना भगत के साथ दुर्व्यवहार
ईश्वर टाना भगत ने कहा कि चतरा के कल्याणपुर में हमारे पूर्वजों ने जंगल और खूंटकटी जमीन पर पसीना बहाकर उसके खेती लायक बनाया, लेकिन दशकों गुजरने के बाद भी संबंधित जमीन की बंदोबस्ती उनके नाम से नहीं हुई. अब यहां अशोका कोलियरी प्रोजेक्ट के तहत कोयला निकासी के लिए काम शुरू किया जा रहा है. इसका विरोध करने पर जिला प्रशासन के लोग उनसे दुर्व्यवहार करते हैं. उन्हें जबरन उजाड़ा जा रहा है. सरकार को चाहिए कि जिस जमीन पर टाना भगत दशकों से खेती करते आ रहे हैं उसकी बंदोबस्ती होनी चाहिए.
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