रांचीःइस बार के बजट सत्र में मुख्यमंत्री प्रश्नकाल की कोई व्यवस्था नहीं की गई है, जबकि विधानसभा के कार्य संचालन नियमावली के 52(1) में स्पष्ट प्रावधान है कि मुख्यमंत्री प्रश्नकाल प्रत्येक सोमवार को आधे घंटे का होगा, जो सामान्य प्रश्न काल की समाप्ति के ठीक बाद होगा. नियमावली 52 (2) में स्पष्ट उल्लेख है कि अध्यक्ष की अनुमति से कोई भी सदस्य मुख्यमंत्री से सीधे तौर पर मौखिक रूप से प्रश्न पूछ सकता है.
बजट सत्र में मुख्यमंत्री प्रश्नकाल की व्यवस्था नदारद, क्या कहती है कार्य संचालन नियमावली, पढ़ें रिपोर्ट - मुख्यमंत्री प्रश्नकाल की व्यवस्था
झारखंड के बजट सत्र में इस साल मुख्यमंत्री प्रश्नकाल की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इससे सदस्यों को मुख्यमंत्री से सीधे प्रश्न पूछने का मौका नहीं मिलेगा.
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नियमावली 52 (3) के मुताबिक मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान प्रत्येक प्रश्न के लिए 5 मिनट का समय मिलेगा, लेकिन अध्यक्ष चाहेंगे तो प्रश्न विशेष के महत्व को देखते हुए समय में वृद्धि की जा सकेगी. यह भी उल्लेख है कि सदस्यों द्वारा अधिकतम एक ही पूरक प्रश्न पूछा जा सकेगा. नियमावली 52 (5) में उल्लेख है कि प्रश्न उन विषयों से संबंधित होंगे, जिनके संबंध में पूर्व में संबंधित विभाग के मंत्री द्वारा सभा में किसी प्रकरण में उत्तर दिया जा चुका हो. 52 (6) के मुताबिक मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान वैसे प्रश्न पूछे जा सकेंगे जो नीतिगत व्यवस्थाओं से संबंधित होंगे. नियमावली 52 (8) में स्पष्ट उल्लेख है कि यदि किसी अपरिहार्य कारण से मुख्यमंत्री नियत दिन सदन में उपस्थित न हों तो अध्यक्ष को यह अधिकार होगा कि इस प्रश्नकाल को स्थगित करके उसकी किसी अन्य दिन व्यवस्था की जा सकेगी.