रांचीः सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त करने को लेकर राज्य सरकार ने गुरुवार से स्वच्छ विद्यालय स्वस्थ बच्चे अभियान 2022 की शुरुआत की है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने विधानसभा परिसर से हड़ी झंडी दिखाकर जागरूकता प्रचार वाहन को रवाना किया. यह भियान राज्या में 45 दिनों तक चलाया जाएगा. इस दौरान राज्य के सभी स्कूलों में सिर्फ स्वच्छता अभियान ही नहीं चलाया जायेगा, बल्कि स्कूलों में पेयजल और जर्जर बेंच डेस्क को भी दुरुस्त किया जाएगा.
झारखंड में स्वच्छ विद्यालय स्वस्थ बच्चे अभियान की शुरुआत, जानिए क्या मिलेगा लाभ
झारखंड में स्वच्छ विद्यालय स्वस्थ बच्चे अभियान की शुरुआत की गई. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने झारखंड विधानसभा परिसर से हड़ी झंडी दिखाकर जागरूकता प्रचार वाहन को रवाना किया.
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जागरूकता वाहन राज्यभर के 263 प्रखंडों के करीब 35 हजार विद्यालयों को सुव्यवस्थित करने में मदद करनेगा. बता दें कि कोरोना संक्रमण के कारण करीब 2 साल के बाद 7 मार्च से राज्य के सभी विद्यालय पूर्ण रूप से संचालित होने लगे हैं. राज्य सरकार ने सरकारी विद्यालयों में साफ सफाई के साथ साथ आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर अभियान की शुरुआत की है. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि कोरोना के कारण लंबे समय से विद्यालय बंद थे. विद्यालय बंद होने की वजह से साफ सफाई की समुचित व्यवस्था नहीं थी. इसके साथ ही बुनियादी सुविधाएं भी कम थी. उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग और यूनिसेफ की ओर से यह अभियान शुरू किया गया है.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि विद्यालयों को तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाएगा, ताकि स्कूलों में क्षतिग्रस्त बुनियादी सुविधा जैसे बेंच,डेस्क और ब्लैक बोर्ड की छोटी मेंटेनेंस कार्य पूरा किया जाएगा. शिक्षा सचिव राजेश शर्मा ने कहा कि विद्यालयों में स्वच्छता सुविधाओं को बनाए रखने के लिए यह अभियान सभी प्रखंडों में चलाया जा रहा है. इस जागरूकता वाहन में एक राजमिस्त्री, एक प्लंबर और एक स्वच्छता विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे, जो विद्यालयों में जागरूकता फैलाने के साथ साथ मेंटेनेंस कार्य को पूरा करेंगे.