झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

Ranchi News: रिमांड पर जेल से ईडी दफ्तर लाए गए निलंबित आईएएस छवि रंजन, जमीन घोटाले में पूछताछ शुरू - land scam case

जमीन घोटाला में गिरफ्तार निलंबित आईएएस छवि रंजन से पूछताछ शुरू कर दी गई है. ईडी के अधिकारी उनसे पूछताछ कर रहे हैं.

Suspended IAS Chhavi Ranjan questioned in land scam
Suspended IAS Chhavi Ranjan questioned in land scam

By

Published : May 7, 2023, 1:13 PM IST

रांचीः जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार निलंबित आईएएस अधिकारी छवि रंजन से ईडी दफ्तर में पूछताछ शुरू कर दी गई है. रविवार को रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से सुरक्षा के बीच छवि रंजन को एजेंसी के दफ्तर लाया गया. जहां मेडिकल जांच के बाद उनसे पूछताछ शुरू कर दी गई. 4 मई को गिरफ्तार करने के बाद छवि रंजन को अदालत में पेश किया गया था. जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया गया था.

ये भी पढ़ेंः छवि रंजन किए गए निलंबित, जमीन घोटाला मामले में चढ़े हैं ईडी के हत्थे

छह दिनों की है रिमांडःअदालत ने ईडी को छवि रंजन से पूछताछ करने के लिए 6 दिनों का रिमांड दिया है. रिमांड की अवधि आज से शुरू हो चुकी है. रिमांड के पहले दिन की पूछताछ भी ईडी दफ्तर में शुरू कर दी गई है, जमीन घोटाले की परत दर परत खोलने के लिए ईडी के वरीय अफसर छवि रंजन से पूछताछ शुरू कर चुकी हैं.

कैसे आए छवि रंजन ईडी के घेरे मेंःदरअसल जब छवि रंजन रांची के डीसी थे तब उनके कार्यकाल में बड़े पैमाने पर फर्जी कागजातों के आधार पर जमीन की खरीद बिक्री की गई थी. जब जांच शुरू हुई तो हर जांच की आंच छवि रंजन तक पहुंचने लगी. आखिरकार जमीन घोटाले में वे ईडी के शिकंजे में आ गए क्योंकि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत ईडी को हासिल हो गए. जमीन से जुड़े जिन मामलों में छवि फंसे उनमें सबसे प्रमुख रांची के बरियातू स्थित सेना की जमीन है. बरियातू में सेना की 4.55 एकड़ जमीन को फर्जी कागजात के जरिए कोलकाता के प्रदीप बागची ने जगत बंधु टी इस्टेट को बेच दी थी. इस जमीन की सरकारी दर 20 करोड़ 75 लाख 84200 रुपये थी, लेकिन बिक्री महज सात करोड़ में दिखायी गई. उसमें भी 25 लाख रुपये प्रदीप बागची के खाते में आए थे, बाकि पैसों के चेक के जरिए भुगतान की जानकारी डीड 6888/2021 में दी गई थी. लेकिन ईडी ने जब चेक के जरिए भुगतान की जांच की तो पता चला कि खातों में पैसे गए ही नहीं हैं. चेक के भुगतान की गलत जानकारी डीड में दी गई थी, ताकि खरीद बिक्री सही प्रतीत हो.

इस दौरान छवि रंजन के परिजनों के खातों में बड़े ट्राजेक्शन और लाभान्वित होने के सबूत ईडी को मिले हैं. जमीन की रजिस्ट्री करने वाले सब रजिस्ट्रार घासीराम पिंगुआ ने भी अपने बयान में बताया था कि डीसी के आदेश पर उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री की थी. तत्कालीन कमिश्नर नितिन मदन कुलकर्णी ने भी डीसी की गड़बड़ी पकड़ी थी. वहीं रांची के बाजरा में भी 7.16 एकड़ जमीन की घेराबंदी से लेकर म्यूटेशन तक में डीसी रहते छवि रंजन की भूमिका काफी संदेहास्पद रही. जमीन के 83 साल का दखल खारिज एक ही दिन में डीसी रहते छवि रंजन ने करायी. इस जमीन की रजिस्ट्री भी सरकारी दर 29.88 करोड़ से कम में महज 15.10 करोड़ में की गई थी.

वहीं तीसरा मामला रांची के सदर चेशायर होम में एक एकड़ जमीन की रजिस्ट्री भी छवि रंजन के डीसी रहते हुई. चेशायर होम रोड में एक एकड़ जमीन की डील में प्रेम प्रकाश को डेढ़ करोड़ रुपये मिले थे. फर्जी दस्तावेज के सहारे राजेश राय ने जमीन का पावर इम्तियाज अहमद और भरत प्रसाद को दिया. इसके बाद दोनों ने यह जमीन 1.78 करोड़ में पुनीत भार्गव को बेची. पुनीत भार्गव ने बाद में यही जमीन विष्णु अग्रवाल को 1.80 लाख रुपये में बेची. जांच में यह बात सामने आयी है कि प्रेम प्रकाश व छवि रंजन के सहयोग से ही जमीन की पूरी डील की गई थी.

अमित- प्रेम को मदद पहुंचाते थे छवि, सीबीआई से जुड़े मामले का भी जिक्रःईडी ने कोर्ट में सौंपे दस्तावेज में बताया है कि छवि रंजन के द्वारा रांची डीसी रहते हुए प्रेम प्रकाश और अमित कुमार अग्रवाल को जमीन कब्जे में लाभान्वित किया जाता था. छवि रंजन बकायदा अमित अग्रवाल के सहयोगी की तरह काम कर रहे थे. ईडी ने कोर्ट को दिए दस्तावेज में बताया है कि सरकार और न्यापालिका से जुड़े लोगों की छवि खराब करने की साजिश भी अमित अग्रवाल ने ही रची थी, इस मामले में सीबीआई ने जांच में छवि रंजन की भूमिका पायी है. ईडी ने यह भी लिखा है कि अमित अग्रवाल के कहने पर ही हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को प्रभावित करने की कोशिश छवि रंजन ने की थी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details