रांचीः झारखंड सरकार का 2584.3 करोड़ का प्रथम अनुपूरक बजट पास हो गया है. सरकार के उत्तर से नाराज मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के विधायकों ने सदन का वॉकआउट किया. इस पर विधायक प्रदीप यादव ने चुटकी ली और कहा कि विपक्ष का काम है कटौती प्रस्ताव लाना जो इनसे होता ही नहीं है. भाकपा माले के विधायक विनोद सिंह ने कटौती प्रस्ताव को वापस ले लिया. इससे पहले अनुपूरक बजट पर पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने अपनी-अपनी राय साझा की.
हालांकि जब सरकार की ओर से जवाब देने के लिए वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव खड़े हुए तो मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने सदन का वॉकआउट कर दिया. चर्चा के दौरान झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि देश की वित्त मंत्री ने कोरोना महामारी को एक्ट ऑफ गॉड नाम दिया था लेकिन सच है कि यह एक्ट ऑफ फ्रॉड है. ताली और थाली बजाकर कोरोना का सामना नहीं हो सकता है. पूर्वर्ती रघुवर सरकार के 5 साल के कार्यकाल में 23 लोगों की भूख से मौत हो गई थी. उसी सरकार ने यहां के लोगों को 8 से 10 हजार की नौकरी दिला कर वाहवाही लूटी थी और अब प्रवासियों के लौटने पर सरकार पर सवाल खड़े कर रही है.
अनुपूरक बजट को आनन-फानन में बनाया
भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि अनुपूरक बजट को आनन-फानन में बनाया गया है. इसमें खर्च का विवरण भी नहीं है. कुछ महीने पहले आए आम बजट की राशि भी खर्च नहीं हुई है. इसके बावजूद अनुपूरक बजट लाने का क्या मतलब है. उन्होंने सत्तापक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि बहुत जल्द आप लोग विपक्ष में बैठेंगे. भानु प्रताप साही ने चुटकी लेते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग के मंत्री और सचिव में 36 का आंकड़ा चल रहा है. सीएम ने कहा था कि हर प्रवासी को काम मिलेगा और वापस जाने नहीं दिया जाएगा लेकिन सच्चाई है कि मजदूर लौट रहे हैं और उन्हें पूछने वाला कोई नहीं है. मंत्री आलमगीर आलम की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग अब बांग्लादेश पहुंचाने वाला विभाग हो गया है. इस पर मंत्री आलमगीर आलम ने कड़ी नाराजगी भी जाहिर की. भानु प्रताप शाही ने कहा कि झारखंड में 664565 पद रिक्त हैं. सरकार खाली खजाने का रोना रोती है और दूसरी तरफ बीएमडब्ल्यू खरीद रही है.
इरफान अंसारी ने क्या कहा