झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

सुखदेव भगत की कांग्रेस पार्टी में वापसी से आखिर किसको हो सकता है खतरा, क्यों वापसी की राह में आ रहे रोड़े - Pradeep Balmuchu

झारखंड प्रदेश कांग्रेस पार्टी में सुखदेव भगत की वापसी को लेकर राजनीतिक चर्चा जोरों पर है. लेकिन झारखंड कांग्रेस का कोई भी नेता कुछ भी कहने से बच रहा है. पार्टी नेताओं की मानें तो राष्ट्रीय नेतृत्व जो भी फैसला लेगा. वह प्रदेश के एक-एक कार्यकर्ता को मान्य होगा और उसका स्वागत किया जाएगा.

Sukhdev Bhagat may return to Congress party
सुखदेव भगत के कांग्रेस पार्टी में वापसी

By

Published : Jun 20, 2021, 2:33 PM IST

रांची:झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दो पूर्व अध्यक्षों में एक प्रदीप बलमुचू को पार्टी में एंट्री, तो दूसरी तरफ सुखदेव भगत को नो एंट्री की चर्चा राजनीतिक गलियारे में जोरों पर है. जबकि दोनों पूर्व अध्यक्षों ने चुनाव से ठीक पहले विपक्षी पार्टी का दामन थाम लिया था और कांग्रेस के खिलाफ ही चुनावी मैदान में उतरे थे. लेकिन फिर भी एक पूर्व अध्यक्ष को पार्टी में वापसी की बात सामने आ रही है. वहीं, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष की वापसी से किसको खतरा है और वापसी की राह में कौन कांटे बिछा रहा है. ये एक पहेली बनी हुई है. साथ ही सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या पार्टी के कुछ बड़े नेताओं को उनके आने से पॉलिटिकल खतरे का तो आभास नहीं हो गया है.

सुखदेव भगत की कांग्रेस पार्टी में वापसी

ये भी पढ़ें- राहुल गांधी का जमकर प्रोजेक्शन, जन्मदिन पर गरीबों में बांटा गया राशन

दरअसल माना जा रहा है कि झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव की राजनीति में यह अंतिम पारी है और आने वाले समय में कयास लगाए जा रहे हैं कि वह अपने बेटे रोहित प्रियदर्शी को पॉलिटिक्स में लॉन्च करने की तैयारी में है. ऐसे में अगर सुखदेव भगत की घर वापसी होती है, तो वर्तमान अध्यक्ष के बेटे के पॉलिटिकल कैरियर पर ग्रहण लग सकता है. ऐसे में सबसे ज्यादा पॉलिटिकल खतरा डॉ रामेश्वर उरांव को है, तो वहीं यह भी माना जा रहा है कि राज्यसभा सांसद धीरज साहू से सुखदेव भगत की अनबन भी उनके घर वापसी में रोड़ा बनने का काम कर रही है. क्योंकि हमेशा से यह धारणा रही है कि साहू परिवार के आशीर्वाद के बिना लोहरदगा में जीतना मुश्किल है. ऐसे में घर वापसी के लिए भी साहू परिवार का आशीर्वाद मिलना जरूरी है.

सुखदेव भगत की कांग्रेस पार्टी में वापसी
देखें पूरी खबर
इस मसले पर झारखंड कांग्रेस का कोई भी नेता कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं. पार्टी नेताओं की मानें तो राष्ट्रीय नेतृत्व जो भी फैसला लेगा. वह प्रदेश के एक-एक कार्यकर्ता को सर्वमान्य होगा और उसका स्वागत किया जाएगा. लेकिन फिलहाल एक पूर्व अध्यक्ष की एंट्री और एक की नो एंट्री की बात पर चर्चा का बाजार गर्म है. वहीं, सुखदेव भगत के घर वापसी से किस को खतरा हो सकता है और कौन उनके नो एंट्री में ताकत लगा रहा हैं. इस मसले पर पार्टी नेता चुप्पी साधे हुए हैं. उनका यह मानना है कि जो लोग पार्टी में आने को इच्छुक हैं. उसका पार्टी स्वागत करती है और उनके आने से निश्चित रूप से कांग्रेस पार्टी मजबूत होगी.
सुखदेव भगत की कांग्रेस पार्टी में वापसी
प्रदीप बालमुचू जहां 2019 के विधानसभा चुनाव में विपक्षी दल आजसू का दामन थाम अपनी किस्मत आजमाई थी, तो वहीं सुखदेव भगत ने हाथ का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम कांग्रेस के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव के खिलाफ ही चुनावी मैदान में ताल ठोंकी थी. हालांकि दोनों ही पूर्व अध्यक्षों को हार का मुंह देखना पड़ा और उसी के बाद घर वापसी के लिए दोनों नेताओं ने जोर लगाना शुरू कर दिया. ऐसे में अब एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष की एंट्री और नो एंट्री की चर्चा ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या उनके आने से किसी नेता को पॉलिटिकल खतरा नजर आ रहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details