रांची:अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस में झारखंड की तीन पावर वूमेन सुजाता, किरण और लक्ष्मी का जिक्र न हो ऐसा हो ही नहीं सकता. तीनों ने बेहद कठिन परिस्थितियों से जूझते हुए पावर लिफ्टिंग में अपना करियर बनाया है.
ये तीन महिलाएं सुजाता, किरण और लक्ष्मी झारखंड की पावर वूमेन के रूप में जानी जाती हैं. सुजाता ने झारखंड पुलिस में रहते हुए वर्ल्ड पुलिस गेम से लेकर कई नेशनल गेम में गोल्ड जीत चुकी हैं. लक्ष्मी ने चार लगातार नेशनल गेम में गोल्ड जीतकर नेशनल रिकॉर्ड बनाया है, जबकि किरण राज्य स्तरीय कई मुकाबले जीतकर नेशनल लेवल में अपनी दावेदारी ठोक रही हैं. सुजाता इन दोनों की गुरु हैं, जिसने इन्हें पावर लिफ्टिंग को अपना कैरियर बनाने में भरपूर सहयोग किया है.
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कौन है सुजाता
झारखंड पुलिस में स्पेशल ब्रांच इंस्पेक्टर के पद पर तैनात सुजाता भगत ने करीब ढाई दशक पहले इंटरमीडिएट में रहते हुए 200 मीटर दौड़ में रिकॉर्ड बनाया था जो आज तक नहीं टूट पाया है. उसी के वजह से इन्हें पुलिस में नौकरी मिली थी. एथलीट से पावर लिफ्टिंग की तरफ हुई सुजाता ने रेसलिंग में भी अपना हाथ जमाया था, लेकिन इन्हें असली पहचान पावर लिफ्टिंग ने ही दिलाई. वह इसमें तीन बार एशियन चैंपियन रही और इससे अधिक बार नेशनल चैंपियन जीती.
भारत का सम्मान
सुजाता भगत ने केवल झारखंड का ही नहीं, बल्कि भारत का सम्मान पूरे विश्व में रौशन किया है. विश्व पुलिस गेम में उन्होंने 180 किलोग्राम वजन उठाकर गोल्ड मेडल जीता था. सुजाता का जीवन कम उतार-चढ़ाव भरा नहीं रहा है. एक हादसे के शिकार होने के बाद उनके 10 से अधिक सर्जरी हुई, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं माना और आज वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पावर लिफ्टर के रूप में जानी जाती हैं. यही नहीं उसने लक्ष्मी और रेखा को भी ट्रेंड किया और आज उसे इस लायक बना दिया कि वो भी लगातार अपने राज्य और देश के लिए गोल्ड मेडल जीत रही हैं.