झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

अचानक डांस के दौरान या जिम करते वक्त हो जाती है मौत, आखिर क्या है इसके पीछे कारण, कहीं आप भी तो इसका शिकार नहीं - Jharkhand news

Sudden death while dancing or doing gym. देश दुनिया में अक्सर इस तरह के अप्रिय और हृदयविदारक घटना देखने को मिल जाते हैं कि कोई शख्स अचानक गिर जाता है और उसकी मौत हो जाती है. फिर चाहे वह डांस कर रहा हो, जिम में वर्जिश कर रहा हो या फिर कोई और काम कर रहा हो. आखिर ऐसा क्या होता है कि कुछ देर पहले तक भला चंगा दिखने वाला युवा की अचानक मौत हो जाती है. इस रिपोर्ट में जानिए.

Sudden death while dancing or doing gym
Sudden death while dancing or doing gym

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 24, 2023, 8:06 AM IST

Updated : Dec 24, 2023, 8:24 AM IST

अचानक डांस के दौरान या जिम करते वक्त क्यों हो जाती है मौत

रांची:राजधानी रांची में हृदय समागम समारोह का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में राज्य भर के करीब 450 से ज्यादा कार्डियोलॉजिस्ट ने हिस्सा लिया और देश विदेश में हो रही नई रिसर्च के बारे में जाना. यहां पर दिल्ली से आये प्रख्यात कार्डियोलॉजिस्ट डॉ संदीप बंसल ने उस रहस्य पर से भी पर्दा उठाया जिसमें अचानक किसी भी व्यक्ति की हृदय गति रुकने से मौत हो जाती है. कोरोना के बाद इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं.

साइंटिफिक सेशन के इस तरह की घटनाओं की कई क्लिपिंग दिखाकर उन्होंने कहा कि जब युवा कोई भी ऐसा कार्य करता है जिसमें दिल का कार्य बढ़ जाता है, तो ऐसे में थिकनेस ऑफ हर्ट मसल्स की वजह से दिल अपनी क्षमता से काम नहीं कर पाता और व्यक्ति अचानक मूर्छित होकर गिर जाता है और उसकी मौत हो जाती है.

साइंटिफिक सेशन के दौरान डॉ बंसल ने हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी को अचानक होने वाली मौतों को जिम्मेदार बताया है. इसकी वजह बताते हुए कहा कि दिल के मसल्स के जरूरत से ज्यादा मोटा यानि (Unusual Thickness of muscles of Heart) युवाओं में अचानक होने वाली मौत की सबसे बड़ी वजह है. उन्होंने कहा कि हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी की वजह से युवाओं का जीवन खतरे में है. ऐसा कहना गलत नहीं होगा.

वंशानुगत है यह बीमारी:देश के प्रख्यात हृदयरोग विशेषज्ञों में से एक और रिम्स में कार्डियोलॉजी विभाग के हेड डॉ हेमंत नारायण कहते हैं कि यह बीमारी युवाओं में सडन डेथ यानी अचानक होने वाली मौत का सबसे बड़ा कारण है. हर 200 में एक व्यक्ति इस बीमारी से ग्रसित हो सकता है. कुछ आंकड़ों के अनुसार यह 500 में एक का है. आंकड़ें बताते हैं कि 30 वर्ष से कम उम्र के युवाओं में 80 फीसदी मौत इसकी वजह से होती है. 30-59 वर्ष समूह के लोगों में दिल की अन्य बीमारियों और HCM का प्रतिशत लगभग आधा-आधा है जबकि 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले बुजुर्गों में मौत की वजह में 90% अन्य दिल की बीमारियों और महज 10 प्रतिशत हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी की वजह से होता है. यह आंकड़े बता रहे हैं कि HM यानी हाइपर ट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी कैसे युवा जीवन को खतरे में डाल रहा है.

ऐसे में क्या करें युवा:डॉ हेमंत नारायण कहते हैं कि यह बीमारी वंशानुगत भी होती है. ऐसे में परिवार के किसी सदस्य में इस बीमारी की पुष्टि हो जाए जब अन्य सदस्य भी डॉक्टर्स की सलाह पर जांच जरूर कराएं. किसी तरह की तकलीफ नहीं होने पर भी 12 वर्ष की उम्र से 20 वर्ष की उम्र तक हर साल कम से कम एक बार यह जांच कराना चाहिए. बीमारी की पहचान हो जाने पर ऐसे फिजिकल एक्सरसाइज, खेल, भागदौड़ नहीं करना चाहिए जिससे दिल को ज्यादा काम करना पड़ता हो. डॉ बंसल ने साइंटिफिक सेशन के दौरान जांच से लेकर इलाज के साधनों और दुनिया भर में इस बीमारी को कंट्रोल में करने के लिए हो रहे शोध, वर्तमान में उपलब्ध दवाओं की जानकारी भी दी.

ये भी पढ़ें:

रांची में झारखंड हृदय समागम का आयोजन, दिल की बीमारियों के इलाज में आधुनिक तकनीक और साधनों की दी जा रही जानकारी

झारखंड हृदय समागम: दिल की बंद हो चुकी धड़कन को दोबारा शुरू करने की तकनीक सीख रहे हैं पुलिस के जवान

Last Updated : Dec 24, 2023, 8:24 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details