रांची: राजधानी रांची से 20 किलोमीटर दूर ओरमांझी में जन्मे विवेक नायक का नाम आज झारखंड के लोगों की जुबान पर है. एक छोटे से परिवार में जन्मे विवेक ने बड़ी मुकाम हासिल कर ली है. सिंगिंग, एक्टिंग, डांसिंग और डायरेक्टिंग के क्षेत्र में उन्होंने अपनी पहचान बनाई है. उनका अब तक का सफर कैसा रहा इस बारे में उनसे ईटीवी भारत की टीम ने बातचीत की.
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गरीबी ने छुड़ाई इंजीनियरिंग की पढ़ाई: ईटीवी भारत से बातचीत में विवेक नायक ने कहा कि उनकी शुरूआती पढ़ाई लिखाई गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई. रांची के आरटीसी कॉलेज से 12वीं पास की. अच्छे मार्क्स आने के बाद इंजीनियरिंग में एडमिशन हुआ, जिसके बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की, लेकिन फीस नहीं दे पाने के कारण बीच में ही इंजीनियरिंग की बढ़ाई छोड़नी पड़ी. फिर खुद से काम कर किसी तरह ग्रेजुएशन किया.
डिलिवरी ब्वॉय का भी किया काम: विवेक नायक ने कहा कि जब पैसे के कारण इंजीनियरिंग की पढ़ाई छूट गई तो, कहीं कहीं छोटी-मोटी नौकरी करने लगे. कभी डिलिवरी ब्वॉय का काम किया, तो कभी पेट्रोल पंप पर काम किया तो कभी अखबरों के बंडल से अखबार गिनने का काम किया. दिन में इन जगहों पर काम करता था और रात में होटल या किसी फंक्शन में गाना गाता था. जिससे खुद के करियर के लिए कुछ पैसे जमा किया.
दादाजी से बिरासत में मिली कलाकारी: विवेक नायक खानदानी कलाकार हैं. उनके दादाजी स्वर्गीय शंकर नायक भी रामलीला, स्टेज शो में नागपुरी गाना गाते थे और नृत्य करते थे. विवेक नायक ने बताया कि उनके पिता भी एक अच्छे कलाकार हैं और वो ही इनके पहले गुरू हैं. उन्होंने कहा घर में बड़े बुजुर्ग कलाकर थे, लिहाजा बचपन से ही उन्हें भी गीत-संगीत का शौक था. बचपन में जब स्कूल के फंक्शन में गाना गाया करते थे तो लोग बहुत पसंद करते थे. उन्होंने कहा कि जब इंजीनियरिंग की पढ़ाई छूट गई तो हमने डिसाइड किया कि गाने के क्षेत्र में अपना करियर बनाएंगे.
रियलिटी शो से रिजेक्ट होना बना टर्निंग प्वाइंट: इंजीनियरिंग छूटने के बाद कई रियलिटी शो में ट्राई किया. 2013 में जब एक रियलिटी शो से रिजेक्शन मिला तब उन्होंने फैसला किया कि अपना एलबम निकालेंगे. पढ़ाई भी छूट गई थी, किसी रियलिटी शो में भी सलेक्शन नहीं हो पाया. फिर अपना एलबम तैयार करने के लिए पैसे जमा करने के लिए काम शुरू किया, दिन रात मेहनत कर पैसे जमा किए. फिर 2014 में अपना पहला नागपुरी एलबम निकाला. जो हिट हो गया. उसके बाद तोर बिना फिल्म में गाने का मौका मिला. इस फिल्म में चाहो ना.. गाना गाया, जो हिट हो गया.
एलबम से एक्टिंग की शुरूआत: विवेक नायक ने कहा कि तोर बिना के सॉन्ग चाहो ना... के हिट होने के बाद करियर में सक्सेस के दरवाजे खुलने लगे. अपना यूट्यूब चैनल भी खोल लिया और काम भी मिलने लगा. नागपुरी गाने जब हिट होने लेगे तो अपने एलबम में खुद एक्टिंग और डायरेक्टिंग भी शुरू कर दी. इसी बीच 2019 में दुबई में शूटिंग का भी ऑफर मिला. फिर वहां जाकर तोर ख्वाबों में गाने... की शूटिंग भी की. यह नागपुरी जगत के लिए इतिहास है. इससे पहले कोई भी नागपुरी गाना विदेश में नहीं फिल्माया गया था. उन्होंने कहा कि तोके चाहे रे दिल, दिल चुराय लेले, दिल में तोर नाम गोरिया मेरे एलबम को लोगों ने जबरदस्त प्यार दिया है.
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पहली ही फिल्म में एक्टिंग से बन गए स्टार: जहां तक फिल्मों में एक्टिंग की बात है तो, नासूर में सिंगिंग के साथ-साथ डायरेक्टर-प्रोड्यूसर राजीव सिन्हा ने एक्टिंग का भी मौका दिया. उन्होंने कहा कि एक्टर के तौर पर पहली ही फिल्म को लोगों ने खूब पसंद किया. फिल्म ब्लॉकबस्टर हो गई. फिल्म में एक्टिंग का मौका देने के लिए उन्होंने राजीव सिन्हा को शुक्रिया अदा किया है. फिलहाल विवेक नायक की एक और फिल्म खोटा सिक्का जल्द ही रिलीज होने वाली है. उन्होंने कहा कि तीन फिल्मों की शूटिंग चल रही है.
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