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आरयू में सत्र 2022 से ही लागू होगी नई शिक्षा नीति, अब चार साल में पूरी होगी स्नातक की पढ़ाई - Jharkhand latest news in Hindi

झारखंड में उच्च शिक्षा और विश्वविद्यालयों में नई शिक्षा नीति लागू करने की तैयारी चल रही है. रांची विश्वविद्यालय इसके लिए पूरी तरह से तैयार है. नई शिक्षा नीति कई मायनों में विद्यार्थियों के लिए लाभकारी बताई जा रही है.

New education policy in Ranchi University
New education policy in Ranchi University

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Published : May 21, 2022, 3:40 PM IST

रांची: नई शिक्षा नीति (New Education Policy) लागू होने के बाद विश्वविद्यालयों में खासकर उच्च शिक्षा के दिशा में एक क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिलेगा. झारखंड के विश्वविद्यालय भी इस नई शिक्षा नीति को अपने विश्वविद्यालयों में लागू करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहा है. आरयू समेत तमाम विश्वविद्यालय की ओर से इस दिशा में पहल की जा रही है. राज्य में नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद यूजी और पीजी की पढ़ाई में भी एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है.

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नई शिक्षा नीति को लेकर आरयू की तैयारी पूरी:आने वाले शैक्षणिक सत्र में नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए रांची विश्वविद्यालय ने पूरी तैयारी कर ली है. इसकी जानकारी विश्वविद्यालय की कुलपति कामिनी कुमार (Vice Chancellor of Ranchi University) ने दी है. उन्होंने कहा है कि यह शिक्षा नीति इस देश के शिक्षा व्यवस्था के लिए क्रांतिकारी साबित होगा.

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अब चार साल में पूरी होगी स्नातक की पढ़ाई: जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर पर नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए कवायद तेज कर दी गई है. देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ झारखंड में भी इस नई शिक्षा नीति को स्कूली पाठ्यक्रम के साथ-साथ विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षा में भी लागू करने की योजना बनाई गई है. खासकर उच्च शिक्षा की दिशा में वर्ष 2022-23 के सत्र में नई शिक्षा नीति के तहत पठन-पाठन कराने की तैयारी चल रही है. राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों के साथ-साथ रांची विश्वविद्यालय ने भी इस दिशा में एक रोडमैप तैयार कर लिया है.

नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद झारखंड में यूजी 4 वर्ष का इंटीग्रेटेड कोर्स हो जाएगा जबकि, पीजी 1 साल का होगा. बताते चलें कि वर्तमान में यूजी की पढ़ाई 3 साल की ओर पीजी के लिए 2 साल समय लगता है. इतना ही नहीं आने वाले दिनों में एक साथ दो कॉलेज में छात्र पढ़ सकेंगे. अगर कोई विद्यार्थी किसी कॉलेज में स्नातक फिजिक्स की पढ़ाई कर रहा है तो दूसरे कॉलेज में वह मैथ की पढ़ाई कर सकता है. अब बैचलर रिसर्च की डिग्री धारियों को ही पीजी कोर्स में एडमिशन का मौका मिलेगा. यानी स्नातक में 4 साल की पढ़ाई पूरी करने वाले छात्र ही पीजी में एडमिशन ले सकेंगे.

कोर्स पूरा करने की नहीं होगी बाध्यता: दूसरी ओर विद्यार्थियों को कोर्स पूरा करने के लिए भी समय की बाध्यता नहीं रहेगी. अगर छात्र बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं तो बचे हुए कोर्स को 10 साल बाद भी पूरा कर सकेंगे. वर्तमान में कोर्स पूरा करने के लिए समय निर्धारित है लेकिन, नई शिक्षा नीति में बीच में पढ़ाई छोड़ने के बाद भी छात्रों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा ताकि, बाद में वो अपना कोर्स पूरा कर सकें. अगर यूजी में पढ़ रहे छात्र पहले सत्र में पढ़ाई छोड़ देते हैं तो उन्हें सर्टिफिकेट मिलेगा. दूसरा सत्र पूरा करने के बाद पढ़ाई छोड़ा तो डिप्लोमा दी जाएगी. 3 साल बाद पढ़ाई करने के बाद पढ़ाई छोड़ी तो बैचलर की डिग्री मिलेगी. अगर 4 साल की पूरी पढ़ाई कर ली तो बैचलर रिसर्च की डिग्री दी जाएगी.

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