रांची:राज्य में एक तो नियुक्ति प्रक्रिया तेज नहीं हो पा रही है. वहीं दूसरी ओर जो कुछ भी विज्ञापन निकाले जा रहे हैं. वे एक के बाद एक विवादों में फंस रहे हैं. अभी क्षेत्रीय भाषा को लेकर जारी विवाद सुलझा ही नहीं है कि जेएसएससी एक नये विवाद में फंसता जा रहा है. ताजा मामला झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (Jharkhand Staff Selection Commission) के द्वारा निकाली गई पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन में कला और वाणिज्य संकाय के सभी विषयों को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल नहीं किए जाने से छात्र नाराज हैं. इसको लेकर छात्रों ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया (students protest ranchi).
जब राजधानी की सड़क पर उतरे छात्र, जानिए लैब सहायक परीक्षा की अर्हता को लेकर क्या है विवाद
झारखंड में एक तो नियुक्ति प्रक्रिया तेज नहीं हो पा रही है, दूसरी ओर जो कुछ भी विज्ञापन निकाले जा रहे हैं, वे एक के बाद एक विवादों में फंस रहे हैं. अभी क्षेत्रीय भाषा को लेकर जारी विवाद सुलझा ही नहीं कि जेएसएससी एक नये विवाद में फंसता जा रहा है. ताजा मामला झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (Jharkhand Staff Selection Commission)के द्वारा निकाली गई पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन में कला और वाणिज्य संकाय के सभी विषयों को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल नहीं किए जाने से छात्र नाराज हैं. इसको लेकर शुक्रवार को अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन (students protest ranchi ) किया. इसके अलावा लैब असिस्टेंट नियुक्ति परीक्षा की अर्हता को लेकर है.
छात्रों का मानना है कि झारखंड में प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में छात्र विभिन्न विषयों में B.Ed प्रशिक्षण लेते हैं. ऐसे में झारखंड में ही लाखों की संख्या में ऐसे छात्र-छात्राएं हैं, जिन्हें नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर नहीं मिल पाएगा. हजारों छात्र ऐसे हैं जिनकी अधिकतम आयु सीमा भी समाप्त होने को है. इसके अलावा जेएसएससी द्वारा जो प्रयोगशाला सहायक की बहाली निकाली गई है उसमें कुछ त्रुटियों के चलते लाखों अभ्यर्थी फॉर्म नहीं भर पाएंगे.
इन छात्रों का कहना है कि कुछ त्रुटियों के चलते लाखों छात्र फॉर्म नहीं भर पाएंगे. इसकी बड़ी वजह यह है कि नियमावली के अनुसार किसी भी दो विषय में 50% अंक अनिवार्य रूप से होना चाहिए. जिनके ऑनर्स विषय फिजिक्स, केमिस्ट्री ,बायोलॉजी में 50 % है तो भी यदि सब्सिडियरी विषय में 50% अंक नहीं है तो वे फॉर्म नहीं भर पाएंगे. सेमेस्टर प्रणाली में बहुत सारे ऐसे विद्यार्थी हैं जिनका ऑनर्स फिजिक्स केमेस्ट्री बायोलॉजी में है परंतु दो सब्सिडियरी के विषय यह नहीं हैं तो ऐसे विद्यार्थी भी फॉर्म भरने से वंचित रह जाएंगे.
जेपीएससी छात्र भी हैं नाराजः जेपीएससी के छात्र भी सरकार के खिलाफ आंदोलन पर उतारू हैं. जेपीएससी चेयरमैन का पद खाली होने और नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी नहीं आने के कारण छात्र सरकार पर झारखंड के स्टूडेंट्स के हितों को नजरअंदाज करने का आरोप लगा रहे हैं. छात्र नेता मनोज कुमार का मानना है कि जेपीएससी और सरकार की गलत नीतियों का भेंट यहां के छात्र हमेशा से उठाते रहे हैं.ऐसे में छात्र विवश होकर सड़क पर उतरने को मजबूर हैं.