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मान्यता नहीं, ले लिया गया नामांकन, अब भविष्य को लेकर छात्र परेशान

कांके राजकीय बीएड कॉलेज में बिना मान्यता के ही छात्रों का नामांकन ले लिया गया. मान्यता नहीं होने से इस कॉलेज के छात्र फाइनल परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए.

Students of Kanke Government BEd College worried about future
Students of Kanke Government BEd College worried about future

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Published : Jun 24, 2022, 4:54 PM IST

रांची: कांके राजकीय बीएड कॉलेज में अध्ययनरत विद्यार्थियों का दो वर्ष का सत्र अगस्त 2022 में पूरा होने जा रहा है. समस्या यह है कि झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद ने नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीइ) से मान्यता लिये बिना ही इन विद्यार्थियों का नामांकन कर दिया है. मान्यता नहीं होने की वजह से रांची विवि इन विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन नहीं कर रहा है. इसके अलावा ये विद्यार्थी फाइनल परीक्षा से भी वंचित हो गये हैं. मामले को लेकर विद्यार्थियों ने एक बार फिर कॉलेज में तालाबंदी की है और जमकर प्रदर्शन भी किया है.

विद्यार्थियों के आरोप से संबंधित लोग झाड़ रहे हैं पल्ला:अपनी मांग और अपने भविष्य को अधर में देख ये विद्यार्थी आरडीडीइ, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय और उच्च शिक्षा निदेशालय तक से गुहार लगा चुके हैं. वहीं, सरकार ने कॉलेज में एनसीटीइ के नियमानुसार कुल 16 में आठ शिक्षकों की नियुक्ति भी कर दी. लेकिन, एनसीटीइ की ओर से अब तक इनके सत्र को मान्यता नहीं दी गई है. फिलहाल मामला एनसीटीइ नयी दिल्ली के अपीलीय कोर्ट में है. कोर्ट ने पूरे मामले को एनसीटीइ के क्षेत्रीय कार्यालय भुवनेश्वर इआरसी को भेज दिया है. हालांकि, कोर्ट के आदेश के कई दिन बीत जाने के बाद भी मामला अब तक अधर में है. विद्यार्थी क्लास कर रहे हैं, इंटरनल परीक्षा भी दे रहे हैं, लेकिन फाइनल परीक्षा अब तक नहीं ली जा सकी है.

मान्यता मिलने के बाद भी फाइनल परीक्षा में होगी अड़चन:एनसीटीइ द्वारा मान्यता मिलने के बाद भी इन विद्यार्थियों का रांची विवि में रजिस्ट्रेशन कराने और प्रथम वर्ष की फाइनल परीक्षा आयोजित करने में तकनीकी अड़चन आ सकती हैं. क्योंकि इस सत्र के तहत अन्य कॉलेजों के विद्यार्थियों की फाइनल परीक्षा हो चुकी है और रिजल्ट भी जारी हो गया है. अब सेकंड ईयर यानी फाइनल इयर की परीक्षा होनी है. इस स्थिति में अब एनसीटीइ और विवि से इस सत्र के विद्यार्थियों के लिए विशेष परीक्षा की अनुमति लेनी होगी. 2020-22 सेशन वाले यह विद्यार्थी हैं, जो लगातार आंदोलन कर रहे हैं. विद्यार्थियों ने कहा है कि एनसीटीई ने इस सेशन के लिए मान्यता नहीं दी है. बावजूद इसके उनका एडमिशन ले लिया गया है. टीचर ट्रेनिंग कॉलेज के शिक्षकों का कहना है कि कई प्रक्रियाएं करा ली गई है. जल्द ही इनकी समस्याओं को दूर किया जाएगा.


मेरिट बेसिस पर होता है नामांकन:इस कॉलेज में मेरिट के बेसिस पर झारखंड के बच्चे नामांकन लेते हैं. 2 सालों के कोर्स के लिए मात्र 16 हजार रुपये ही खर्च होते हैं. रहने की भी यहां व्यवस्था है. लिहाजा यहां ज्यादातर गरीब बच्चे और मेरिट वाले बच्चे ही आते हैं और इस कॉलेज में हुए इन परेशानियों के कारण यह छात्र फिलहाल मानसिक परेशानियों से गुजर रहे हैं.

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