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163 साल पुराना है रांची का आड्रे हाउस, गांधीजी को था खास लगाव

रांची में स्थित आड्रे हाउस को महात्मा गांधी स्मृति भवन के नाम से भी जाना जाता है. इसके पीछे की वजह भी काफी खास है. जानकारी के मुताबिक महात्मा गांधी. झारखंड आगमन के दौरान आड्रे हाउस पहुंचे थे और इस भवन की तारीफ भी की थी. आड्रे हाउस 163 साल पुराना भवन है. इसे 1854 में छोटानागपुर के डिप्टी कमिश्नर कैप्टन हेंनिंगटन ने बनवाया था.

story of adre  house in ranchi
story of adre house in ranchi

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Published : Oct 2, 2020, 3:36 PM IST

रांची:2 अक्टूबर को देशभर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती बड़ी शालीनता के साथ मनाई जा रही है. देश के लिए यह अवसर गांधी जी को अनुसरण करने की है. गांधीजी के साथ झारखंड और रांची की कई स्मृतियां जुड़ी हुई हैं. कई ऐसी चीजें हैं, जो सीधे तौर पर महात्मा गांधी के साथ जुड़ी हैं. इनमें से एक रांची का आड्रे हाउस भी है.

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क्या है जानकारों का कहना

जानकार बताते हैं कि 1917 में महात्मा गांधी ने रांची आकर उस समय के बिहार, ओडिशा के लेफ्टिनेंट गवर्नर एडवर्ड गेट से चंपारण को लेकर वार्ता की थी और मीटिंग इसी आड्रे हाउस में रखा गया था. उस दौरान महात्मा गांधी ने आड्रे हाउस की खूब तारीफ भी की थी. हालांकि, समय के साथ आड्रे हाउस में बदलाव किया गया है. लेकिन मूल प्रारूप अभी भी हाउस के पुराने भवन के तर्ज पर ही है. झारखंड सरकार की ओर से ऑड्रे हाउस को महात्मा गांधी स्मृति भवन का नाम दिया गया है.

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की स्मृति को याद करते हैं लोग

जब रांची के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की स्मृति को याद करते हैं. तब ऑड्रे हाउस का नाम भी मस्तिष्क के पटल पर आता है और बापू की जयंती के अवसर पर उनसे जुड़े स्मृतियों को लोग याद करते हैं. लोग उन्हें नमन कर रहे हैं और उनके रास्ते पर चलने का संकल्प भी लिया जा रहा है.

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आड्रे हाउस की कई विशेषताएं हैं

ऑड्रे हाउस की कई विशेषताएं हैं, यह पूरी तरह लकड़ी और खपरैल के मकान से बनाया गया है. यह भवन इतना सुंदर है कि लोग देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं और आज गांधी जयंती के अवसर पर यह भवन और खास हो जाता है.

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