रांची: पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के उपमुख्य सुरक्षा आयुक्त मो. शाकिब के रांची स्थित आवास पर बच्ची से यौन शोषण मामले में बुधवार को सीडब्ल्यूसी के सामने बच्ची का बयान दर्ज नहीं हो पाया. इस वजह से पुलिस भी मामले में एफआईआर दर्ज नहीं कर पाई.
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मानसिक स्थिति ठीक नहीं हो पाने की वजह से नहीं हो पाया बयान
दुष्कर्म पीड़िता की मानसिक स्थिति फिलहाल ठीक नहीं है. सीडब्ल्यूसी के अनुसार बच्ची की पूरी काउंसिलिंग के बाद ही उसका बयान लिया जाएगा. पहले स्तर का बयान हो चुका है, लेकिन कुछ चरण के बाद ही बच्ची को पूरा बयान लिया जाएगा. इसी बयान के आधार पर रांची के चुटिया थाने में एफआईआर दर्ज होगी. मामले को लेकर चुटिया थाना प्रभारी रवि ठाकुर ने बताया कि सीडब्ल्यूसी का बयान सामने आने के बाद ही एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.
क्या है मामला
आरपीएफ के उप मुख्य सुरक्षा आयुक्त मोहम्मद शाकिब के घर पर तैनात जवान शंभूनाथ पर आरोप है कि उसने उप मुख्य सुरक्षा आयुक्त के घर पर काम करने वाली एक नाबालिग आदिवासी लड़की के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया है. पूरा मामला रांची के चुटिया थाना क्षेत्र स्थित रेलवे के ऑफिसर गेस्ट हाउस स्थित अधिकारी के आवास का है. जानकारी के अनुसार उप मुख्य सुरक्षा आयुक्त ने पीड़िता को अपने घर पर रखा था, जहां जवान शंभूनाथ ने उसका अश्लील वीडियो बना लिया और उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया. जवान नाबालिग के साथ लगातार दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दे रहा था. सबसे हैरानी की बात तो यह है कि पूरे मामले की जानकारी उप मुख्य सुरक्षा आयुक्त को भी थी, लेकिन उन्होंने इस संबंध मे थाने में प्राथमिकी भी दर्ज नहीं करवाई. हालांकि उन्होंने कार्रवाई करते हुए आरोपी जवान को बर्खास्त कर दिया.
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उप मुख्य सुरक्षा आयुक्त की भूमिका भी सवालों के घेरे में
आरपीएफ के आरोपी जवान शंभुनाथ को बच्ची के साथ यौन शोषण करने के बाद बर्खास्त कर दिया गया, जिसके बाद से अब उपमुख्य सुरक्षा आयुक्त मो. शाकिब की भूमिका भी सवालों के घेरे में हैं, क्योंकि उन्होंने इस मामले में केवल विभागीय कार्रवाई की है, लेकिन एफआईआर दर्ज कराने और सीडब्ल्यूसी को मामले का संज्ञान देना जरूरी नहीं समझा. सीडब्ल्यूसी अब बच्ची से हुए यौन उत्पीड़न के साथ ही बालश्रम की बिंदू पर भी फोकस कर रही है. चुकि 14 वर्ष की नाबालिग बच्ची को गलत ढंग से घर में रखकर घरेलू काम करवाया जा रहा था, इसपर बच्ची का बयान आने पर बालश्रम का मामला भी दर्ज किया जा सकता है.