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बिहार में उलटफेर पर यह बोले झारखंड महागठबंधन के नेता, भूपेश बघेल की यह है राय

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Published : Aug 10, 2022, 9:07 PM IST

बिहार में उलटफेर ने विपक्षी खेमे में हलचल बढ़ा दी है. इसको लेकर झारखंड में महागठबंधन के नेताओं का कहना है कि इस घटना से विपक्ष मजबूत होगा.

Statement of leaders of mahagathabandhan
छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रांचीःझारखंड में वर्ष 2019 में जब से महागठबंधन की सरकार बनी है, तब से ही भाजपा के नेता कहते रहे हैं कि झारखंड में महागठबंधन की सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं करेगी. इधर, जुलाई 2022 में झारखंड कांग्रेस के 03 विधायकों के पास से हावड़ा में पुलिस द्वारा बड़ी रकम जब्त करने, उसके बाद रांची के अरगोड़ा थाने में कांग्रेस के ही विधायक अनूप सिंह द्वारा इन तीन विधायकों के खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकी से ऑपेरशन लोटस के फेल होने की चर्चा आम हो गई थी. झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने भी सीधा आरोप भाजपा पर लगाया था कि वह राज्य की हेमंत सोरेन सरकार को अस्थिर करना चाहती है. इसके बाद आरोपों को और बल मिल गए थे. इस बीच जब पड़ोसी राज्य बिहार में भाजपा सत्ता से बाहर हो गई है तो झारखंड में महागठबंधन में शामिल दल झामुमो, कांग्रेस और राजद को यह लगता है कि अब राज्य में ऑपेरशन लोटस जैसी घटना की कोशिश थम जाएगी.

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झामुमो के राज्यसभा सदस्य और महिला मोर्चा की अध्यक्ष रह चुकी महुआ माजी कहती हैं कि भाजपा लगातार क्षेत्रीय दलों को परेशान करती रही है परंतु झारखंड में वह कामयाब नहीं होगी. महुआ माजी ने कहा कि बिहार की घटना से साफ हो गया है कि भाजपा प्रलोभन देकर रीजनल पार्टियों को कमजोर कर रही थी,अब उसका पर्दाफाश होने के बाद झारखंड में यह सब रूकने की उम्मीद है और हेमन्त सोरेन की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी.


बिहार की घटना का झारखंड पर होगा असरः झारखंड दौरे पर आए छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने साफ शब्दों में कहा कि झारखंड में सरकार गिराने की कोशिश हो रही थी. बिहार में अपनी सरकार नहीं बचा पाए. ऐसे में भाजपा को यह अहसास होगा कि दूसरों के लिए गड्ढा खोदने वाले ही कभी कभी उसमें गिर जाते हैं. भूपेश बघेल और अन्य कांग्रेसी नेताओं को लगता है कि बिहार में राजनीतिक बदलाव का असर न सिर्फ देश की राजनीति पर पड़ेगा बल्कि झारखंड की राजनीति पर भी उसका असर होगा और महागठबंधन और मजबूत होगा.


वहीं युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष रंजन यादव ने कहा कि झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार को अब कोई खतरा नहीं है और राज्य में महागठबंधन की सरकार सफलतापूर्वक जनता की आकांक्षा को पूरा करेगी. उन्होंने कहा कि भाजपा अबतक उन सभी राज्यों में जहां विरोधी दलों की सरकार थी, वहां विधायकों की खरीद फरोख्त की मंडी लगाती थी लेकिन बिहार में जिस तरह से भाजपा को खदेड़ा गया है, उसका असर होगा. राज्य में भी अब वह सरकार को अस्थिर करने की जगह सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी.


राज्य में ईडी, सीबीआई से लेकर विधायकों के पास से बड़ी रकम मिलने, राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस के कई विधायकों के क्रॉस वोटिंग जैसे मुद्दों पर कई तरह के कयास लगाए जाते रहे हैं. ऐसे में अब जब पड़ोसी राज्य बिहार में भाजपा सत्ता से बाहर हो गई है तो झारखंड महागठबंधन के नेताओं को उम्मीद है कि अब राज्य में ऑपरेशन लोटस जैसी कोई घटना से भाजपा परहेज करेगी. वहीं सत्ताधारी दलों के विधायक भी समझेंगे कि भाजपा की लोकप्रियता कम होती जा रही है और 2024 की निर्णायक लड़ाई में मजबूत विपक्ष भाजपा को चुनौती देने की तैयारी कर रहा है.

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